केंद्र सरकार ने रविवार (23 अक्टूबर) को सोनिया गांधी के नेतृत्व वाले दो एनजीओ राजीव गांधी फाउंडेशन और राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट का एफसीआरए लाइसेंस रद्द कर दिया.
आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 23 अक्टूबर 2022 : दिल्ली : गृह मंत्रालय ने कानूनों के कथित उल्लंघन के लिए राजीव गांधी फाउंडेशन और राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट के लाइसेंस, रद्द कर दिए हैं। इन्हें विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम के अन्तर्गत रद्द किया गया है। इन दोनों गैर सरकारी संगठनों की प्रमुख कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी हैं। सरकारी सूत्रों ने बताया है कि इन संगठनों की जांच के बाद इनके लाइसेंस रद्द किए गए हैं।
गृह मंत्रालय ने राजीव गांधी फाउंडेशन और राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट का एफसीआरए लाइसेंस रद्द कर दिया है. आरोप है कि राजीव गांधी फाउंडेशन ने फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट का उलंघन किया. जांच में पता चला है कि नियमों को ताक पर रखकर फाउंडेशन ने पड़ोसी देश चीन से फंड लिया गया. गृह मंत्रालय इस मामले की जांच लंबे समय से कर रहा था. जांच में राजीव गांधी फाउंडेशन के गलत पाए जाने पर गृह मंत्रालय के विदेश विभाग ने यह कार्रवाई की है.एफसीआरए लाइसेंस के तहत स्थानीय संस्थाएं और एनजीओ विदेशी संस्थाओं, व्यक्तियों से अनुदान ले सकती हैं, लेकिन अनुदान लिए जाने की पूरी जानकारी केंद्र सरकार को दी जाती है. इससे यह पता लगाया जा सके कि जो अनुदान लिया गया है वह किस संस्था से किस कार्य के लिए लिया गया है. इसका इस्तेमाल देश हित में है और देश विरोधी गतिविधि में किया जाएगा.
गृह मंत्रालय ने इनमें हुई कुछ अनियमितताओं की जांच के लिए 2020 में अंतर मंत्रालयी समिति बनाई थी। इस समिति में गृह तथा वित्त मंत्रालयों और केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो के अधिकारी शामिल किए गए थे। समिति को इस बारे में जांच करने का काम सौंपा गया था कि गांधी परिवार और कांग्रेस के अन्य नेताओं द्वारा संचालित इन न्यासों में आयकर रिटर्न भरने में कोई गड़बड़ी तो नहीं की गई या विदेशों से प्राप्त घन का दुरूपयोग और धनशोधन तो नहीं किया गया। राजीव गांधी फाउंडेशन की स्थापना 1991 में और राजीव गांधी न्यास की स्थापना 2002 में की गई थी।
बता दें कि, इस फाउंडेशन में सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी, राहुल गांधी के अलावा पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पी चितंबरम सदस्य हैं. 1991 के इस संस्था का गठन किया गया था. राजीव गांधी फाउंडेशन में वित्तीय अनियमितताओं की जांच के लिए 2020 से इंटर मिनिस्ट्रियल कमेटी गठित की गई थी. इसमें ईडी के सीनियर अधिकारी भी थे. दो दिन पहले ही कमेटी ने जांच रिपोर्ट सबमिट की थी.
1991 में स्थापित इस फाउंडेशन ने 2009 तक स्वास्थ्य, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, महिलाओं और बच्चों, विकलांगता सहायता सहित कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर काम किया. 2010 में, फाउंडेशन ने आगे शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करने का फैसला लिया और इसके लिए वेबसाइट बनाई. फाउंडेशन के एक करीबी ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि फाउंडेशन का एफसीआरए लाइसेंस 2020 से तीन से छह महीने की छोटी अवधि के लिए अपडेट किया गया था.