आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 02 मई 2022 : इस्लामाबाद : पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को कभी भी गिरफ्तार किया जा सकता है। पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, इमरान खाने खिलाफ ईशनिंदा की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है और उन्हें कभी भी गिरफ्तार किया जा सकता है। वहीं, इमरान खान की पार्टी ने पूर्व प्रधानमंत्री के खिलाफ दर्ज किए गये मुकदमे को गैर-कानूनी बताया है, लेकिन रिपोर्ट है कि, इमरान खान के खिलाफ मौजूदा सरकार कड़ी कार्रवाई कर सकती है।

इमरान पर दर्ज हुआ है मुकदमा

दरअसल, शहबाज शरीफ के सऊदी अरब दौरे के दौरान मदीना मस्जिद में ‘चोर-चोर’ और ‘गद्दार-गद्दार’ के नारे लगाए गये, जिसको लेकर सऊदी अरब की तरफ से काफी सख्त प्रतिक्रिया दी गई है और पाक मस्जिद का इस्तेमाल राजनीति के लिए करने के आरोप में कई पाकिस्तानियों को सऊदी अरब से वापस पाकिस्तान भेज दिया गया है। वहीं, इस्लामिक गुरुओं ने भी मदीना मस्जिद में नारेबाजी को नापाक बताया है। जिसको लेकर पाकिस्तान में इमरान खान समेत 150 से ज्यादा लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। शहबाज शरीफ की पार्टी पीएमएस-एन का कहना है कि, इमरान खान के इशारे पर ही पाक मस्जिद में इतनी घटिया हरकत की गई है, जिससे सऊदी अरब की प्रतिष्ठा पर भी असर पड़ा है।

गिरफ्तार होंगे इमरान खान

आपको बता दें कि, इमरान खान ने पिछले एक महीने में शहबाज शरीफ समेत विपक्षी पार्टियों के नेताओं को चोर और गद्दार समेत कई आपत्तिजनक बातें कही हैं और इमरान खान ने अपने समर्थकों से कई बार आह्वान किया है, कि जहां भी ये नेता जाएं, उन्हें चोर और गद्दार कहा जाए। लिहाजा, पाकिस्तान के गृहमंत्री राणा सनाउल्लाह ने कहा है कि, पाक मदीना मस्जिद में जो नापाक काम हुआ है, उसके पीछे इमरान खान हैं, इसीलिए उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा। आपको बता दें कि, इमरान खान के अलावा, फवाद चौधरी, नेशनल असेंबली के पूर्व डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी समेत 150 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।

एफआईआर में क्या हैं आरोप?

इमरान खान के खिलाफ जो आरोप लगाए गये हैं, उसमें उनपर गुंडागर्दी करने और पैगंबर का अपमान करने का आरोप लगाया गया है। ये आरोप फैसलाबाद के रहने वाले नईम भट्टी ने दर्ज करवाई है, जिसमें कहा गया है कि, इमरान खान ने शहबाज शरीफ के खिलाफ नारेबाजी कराने के लिए 100 से ज्यादा लोगों को सऊदी अरब स्थिति पवित्र मदीना मस्जिद में भेजा था, जिन्होंने मस्जिद के अंदर नापाक नारेबाजी की, जिससे मस्जिद को अपवित्र करने की कोशिश की गई और पैगंबर का अपमान किया गया है। जिसके बाद पाकिस्तान पुलिस ने इमरान खान के खिलाफ धारा 295A के तहत मुकदमा दर्ज किया है, जो ईशनिंदा का मुकदमा है।

इमरान की पार्टी गई हाईकोर्ट

वहीं, पीटीआई नेता और पूर्व सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने सोमवार को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) में एक रिट याचिका दायर कर ईशनिंदा कानूनों के तहत पार्टी नेतृत्व के खिलाफ दर्ज मामलों को “अवैध” करार देने की याचिका लगाई है। पीटीआई नेताओं ने कहा कि, यह घटना एक सहज प्रतिक्रिया थी और जनता के गुस्से को दर्शाती है, जबकि, सरकार का दावा है कि यह पीटीआई नेतृत्व द्वारा नियोजित और सुनियोजित थी। वहीं, उच्च न्यायालय के सहायक रजिस्ट्रार असद खान ने पुष्टि की कि याचिका प्राप्त हो गई है। फवाद की ओर से पीटीआई की कानूनी टीम एडवोकेट फैसल फरीद और एडवोकेट अली बुखारी ने याचिका दायर की है।

सबक सिखाने के लिए एफआईआर

फवाद चौधरी ने अपनी याचिका में शहबाज शरीफ सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं और याचिका में फवाद चौधरी ने कहा कि, नवनियुक्त गृह मंत्री पीटीआई नेतृत्व को निशाना बना रहे हैं और उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने की ”खुली धमकी” भी दी गई है। उन्होंने कहा कि “विश्वसनीय स्रोतों” के माध्यम से उन्हें पता चला था कि, मौजूदा सरकार ने उन्हें और पीटीआई के अन्य नेताओं को “सबक सिखाने का फैसला किया है जो वो जिंदगी भर ना भूले “।

ईशनिंदा है पाकिस्तानियों का हथियार

पाकिस्तान में ईशनिंदा कानून राजनेताओं के हाथ का एक सबसे धारदार हथियार माना जाता है और जब इमरान खान खुद प्रधानमंत्री थे, तो उन्होंने इस हथियार से कई विपक्षी नेताओं को हलाल कर दिया। जबकि, पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट ने इमरान खान सरकार को ईशनिंदा कानून खत्म करने पर विचार करने को कहा था, लेकिन इमरान खान ने ईशनिंदा कानून को खत्म करने के बजाए इसे और धारदार बना दिया। लेकिन, अब इसी कानून के जरिए इमरान खान के पर भी कतरने की कोशिश की जा रही है।

ईशनिंदा कानून-मानवाधिकार का उल्लंधन

पिछले साल, जब इमरान खान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री थे, उस वक्त अमेरिकन मानवाधिकार की रिपोर्ट में ईशनिंदा कानून को मानवाधिकार का उल्लंघन करने वाला कानून बताया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस कानून का इस्तेमाल लोगों पर हिंसा करने, उनकी आवाज को दबाने और उनके अधिकारों को छीनने के लिए किया जाता है। पाकिस्तान में 2014 से 2018 के बीच राज्यों के द्वारा आम लोगों पर 184 ईशनिंदा कानून लगाए गये। रिपोर्ट में कहा गया है कि ईशनिंदा कानून का डर दिखाकर लोगों को चुप रखना बेहद आसान हो जाता है, क्योंकि इस कानून का लगना मतलब आपने खुदा के खिलाफ काम किया है।

https://youtu.be/dtGfLMsY2Ww

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