आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 24 अक्टूबर 2022 : वैसे तो दीवाली का पर्व हिंदुओं का है और इसे भारत के अलावा, जिस भी देश में हिंदू रहते हैं, वहां धूमधाम से मनाते हैं। मगर कई देशों की सरकारें भी ऐसी हैं, जाे इस पर्व में शरीक होती हैं और उन्होंने दीवाली पर नेशनल हॉलिडे घोषित किया हुआ है। 

दीपावली ऐसा पर्व है, जिसे न सिर्फ भारत में बल्कि, विदेशों में भी लोग धूम-धाम से मनाते हैं। ऐसे में कुछ देशों में आफिशियल छुट्टी भी होती है। जो लोगों की खुशी को बढ़ा देती है। खासकर नेपाल, भूटान, मॉरिशस, मलेशिया, सिंगापुर समेत कई अफ्रीकी देश हैं, जो दीवाली सेलिब्रेशन के लिए आधिकारिक तौर पर नागरिकों को छुट्टी देते हैं। बाकायदा इन्होंने इस पर्व को नेशनल हॉलिडे के तौर पर घोषित किया हुआ है। आइए जानते हैं, वे कौन से देश हैं, जिन्होंने दीवाली पर अपने देश में नागरिकों को आधिकारिक छुट्टी दी हुई है। 

अमरीका के न्यूयॉर्क में भी दीवाली के दिन छुट्टी होती है। खुद न्यूयॉर्क के मेयर एरिक एडम्स ने इसका ऐलान किया है। साथ ही, यहां लोग जमकर दीवाली का जश्न मनाते हैं। न्यूयॉर्क के  टाइम्स स्क्वायर को काफी भव्य तरीके से संजाया जाता है। 

दक्षिण अमरीका : दक्षिण अमरीका में तो इसे राष्ट्रीय वर्ष के रूप में मान्यता प्राप्त है। इस दिन सार्वजनिक अवकाश भी रहता है।

 इंगलैंड : इंगलैंड में ‘गार्ड फास्स डे’ के नाम से दीपावली जैसा ही पर्व मनाया जाता है। इस दिन खूब पटाखे चलाकर धूम-धड़ाका किया जाता है। चन्दन की लकड़िया जलाकर रोशनी की जाती है। युवक-युवतियां इसकी परिक्रमा करते हुए खूब नृत्य करते हैं।

फ्रांस : फ्रांस में क्रान्ति दिवस पर दीपोत्सव होता है। घरों को खूब सजाकर रोशनी की जाती है। बच्चे रंगीन रॉकेट छोड़कर खूब जश्न मनाते हैं। सभी लोग खूब आतिशबाजी छोड़ते हुए इसका भरपूर आनन्द लेते हैं।

जापान : जापान निवासी लालटेनों के त्यौहार के नाम से यह पर्व मनाते हैं। यह पर्व सितम्बर में होता है। बाग-बगीचों में पेड़ों पर लालटेन टांगी जाती हैं। रंग-बिरंगे कंदील लगाए जाते हैं। उस रात घर के दरवाजे बंद नहीं किए जाते। सारी रात नाच-गाना चलता रहता है। घने जंगल में पटाखे फोड़ने की परम्परा भी है। अगले दिन जापानी नए वस्त्र पहनकर जल क्रीड़ा करते और नौका विहार का आनन्द उठाते हैं।

चीन : चीन में यह पर्व मनाने के लिए कई दिन पूर्व घरों की सफाई शुरू कर दी जाती है। मकानों के बाहर लाल कागज से बनी मानव आकृतियां चिपकाई या लटकाई जाती हैं। घरों में रंगीन कागजों से सजावट की जाती है। मान्यता है कि इस तरह से सजावट करने पर वर्ष भर अनिष्ट की आशंका नहीं रहती।

मॉरिशस में लगभग 80 प्रतिशत आबादी हिंदुओं की है। यहां सरकार ने दीवाली पर आधिकारिक छुट्टी का ऐलान किया हुआ है। देशभर में दीवाली पर रौनक देखते ही बनती है। मॉरीशस में भारत की तरह ही लक्ष्मी पूजन होता है। विभिन्न प्रकार की ज्यॉमितीय आकृतियों सें घरों को सजाया जाता है और सभी मार्गों को फूलों से सजाया जाता है। खूब आतिशबाजी की जाती है। इत्र व सुगन्धित पुष्पों से मेहमानों की आवभगत कर उन्हें विभिन्न व्यंजन परोसे जाते हैं।

मलेशिया में भी काफी संख्या में हिंदू रहते हैं। यहां दीवाली हरि दीवाली के तौर पर प्रचलित है। लोग खूशबूदार तेल और इत्र लगाकर स्नान करते हैं। सरकार ने दीवाली को नेशनल हॉलिडे घोषित किया हुआ है। मलेशिया में घरों की साफ-सफाई करके खूब सजावट की जाती है। मिट्टी के दीपकों को परम्परागत रूप से सजाकर, आतिशबाजी करते हुए दीपोत्सव की खुशियां मनाई जाती हैं।

सिंगापुर  में भी दीवाली के दिन सरकार ने छुट्टी घोषित की हुई है। रात में लोग घर सजाते हैं और साथ में पूरा शहर और बाजार रोशनी से जगमग करता है। लोग पूजा करते हैं और आतिशबाजी करते हैं। 

थाइलैंड : थाइलैंड में इसे ‘लाभ क्रायोंग’ के नाम से इन्हीं दिनों मनाया जाता है। इस पर्व पर केले के पत्तों से विशेष रूप से तैयार दीपक में मोमबत्ती जलाकर उसे नदी में छोड़ा जाता है। सैंकड़ों तैरते दीपक अनोखी छटा बिखेरते हैं। लोग एक-दूसरे को बधाइयां देते हुए मिठाई बांटते हैं। मान्यता है कि नदी में बहाए गए दीपक के साथ ही मनुष्य के पाप भी बह जाते हैं।

श्रीलंका में भी सरकार ने दीवाली के दिन आधिकारिक छुट्टी घोषित किया हुआ है। यहां तमिल समुदाय के लोग खूब हर्ष और उल्लास से यह पर्व मनाते हैं। श्रीलंका में दीपावली पर चीनी मिट्टी व मिश्री से बने खिलौनों की विशेष दुकानें सजती हैं। यहां मिश्री को ही मिठाई के रूप में इस्तेमाल करने की परम्परा है। मिट्टी के दीपक जलाकर घरों में रोशनी की जाती है। इस रात सफेद हाथियों को विशेष स्वर्णाभूषणों से सजाकर जुलूस निकाला जाता है जो इस पर्व का एक अभिन्न अंग है।

बर्मा : म्यांमार (बर्मा) में यह पर्व राष्ट्रीय उत्सव के रूप में मनाया जाता है। भारत की तरह ही यहां भी भगवान विष्णु-लक्ष्मी का पूजन होता है। लोग नए कपड़े पहन कर नाचते-गाते हैं। रात्रि में दीपों की पक्तियां सजाकर रोशनी की जाती है और आतिशबाजी भी चलाई जाती है।

नेपाल में भी दीवाली धूमधाम से मनाई जाती है और यहां यह पांच दिन का पर्व है। यहां सरकार ने आधिकारिक छुट्टी का ऐलान किया हुआ है। इसे तिहार भी कहते हैं। इसमें देवी लक्ष्मी के साथ गाय, कुत्ते और कौवे की पूजा भी की जाती है। नेपाल में यह पर्व ‘तिहार’ के नाम से मनाया जाता है। इसका पहला दिन काक दिवस, दूसरा दिन श्वान दिवस कहा जाता है। इन दिनों कौओं व कुत्तों को विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थ देकर जिमाया जाता है। कुत्तों के माथे पर तिलक लगाकर, उनके गले में माला पहनाकर विधि-विधान से पूजा करते हुए उनकी आरती उतारी जाती है। ‘तिहार’ का तीसरा दिन प्रकाश उत्सव होता है। इस दिन लक्ष्मी पूजन, आतिशबाजी व दीपमाला भारत की तरह ही होती है। चौथे दिन यम पूजा व पांचवें दिन भाई दूज मनाया जाता है।

गुयाना : गुयाना में घरों को खूब सजाया जाता है। रंग-बिरंगे गुब्बारे उड़ाए जाते हैं। रात को आतिशबाजी का कार्यक्रम चलता है। इनके अतिरिक्त फिजी, तिब्बत, ग्वाटेमाला आदि देशों में भी दीपावली का पर्व मनाया जाता है।

फिजी में भारी संख्या हिंदू परिवार रहते हैं। यही नहीं यहां बड़ी संख्या में लोग हिंदी भाषा में बात करते हैं। दीवाली के दिन यहां की रौनक देखते ही बनती है। इस दिन को सरकार ने आधिकारिक छुट्टी के तौर पर घोषित किया हुआ है। 

त्रिनीदाद और टोबैगो में सरकार ने दीवाली पर आधिकारिक छुट्टी का ऐलान किया हुआ है। यहां बड़ी संख्या में हिंदू आबादी रहती है, ऐसे में दीवाली पर यहां खूब रौनक रहती है। 

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