ठगों ने छपरा जंक्शन पर नियुक्ति पत्र देने के लिए तीन अभ्यर्थियों को बुलाया था,

आरपीएफ व जीआरपी ने नाटकीय ढंग से किया ठगों को गिरफ्तार,

ठगों के पास से गेटमैन व फीटर के पद पर बहाली के नियुक्ति पत्र समेत अन्य कागजात बरामद,

गैंग के अन्य सदस्यों को दबोचने की तैयारी में पुलिस

रोहतास दर्शन न्यूज़ नेटवर्क : 02 जून 2021 : छपरा : रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर अभ्यर्थियों से लाखों रुपये की ठगी करने वाले गैंग का पर्दाफाश करते हुए रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) व जीआरपी छपरा जंक्शन ने दो जालसाजों को गिरफ्तार किया हैं। इनके पास से फर्जी नियुक्ति पत्र और अन्य जाली दस्तावेज बरामद किए गए हैं। आरपीएफ ने आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए गिरफ्तार अभियुक्तों को जीआरपी के हवाले कर दिया है। पुलिस ठगी के शिकार तीन अभ्यर्थियों को भी हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।

आरपीएफ से मिली जानकारी के अनुसार, जालसाजों ने पूछताछ में स्वीकार किया कि प्रत्येक अभ्यर्थी से रेलवे में नौकरी देने का प्रलोभन देकर 2 से 3 लाख रुपये उन्होंने लिए थे। बयान में बताया गया कि आरपीएफ अधिकारियों को गुप्त सूचना मिली थी कि जालसाज और अभ्यर्थी छपरा जंक्शन के पास आने वाले हैं। इसके बाद एक विशेष टीम गठित की गई और बड़े ही नाटकीय ढंग से गिरफ्तारी की गई। इंसपेक्टर अनिरूद्ध कुमार राय ने बताया कि सूचना मिली कि छपरा जंक्शन पर ऐसे ही एक गिरोह के सदस्य आने वाले हैं। पुलिस ने अपना जाल बिछाया जिसमें यह गिरोह फंस गया। पकड़ा गया युवक सारण जिला के अमनौर थाना क्षेत्र के मनी सिरिसिया गांव निवासी अनिरुद्ध गुप्ता का पुत्र प्रमोद कुमार गुप्ता है। उसे छपरा जंक्शन के सर्कुलेटिंग एरिया से छपरा जंक्शन आरपीएफ और जीआरपी ने सादे लिबास में घेराबंदी कर फर्जी जॉइनिंग लेटर के साथ गिरफ्तार किया।

सहायक सुरक्षा आयुक्त अमित गुंजन के अनुसार कि उन्हें अक्सर यह सूचना मिल रही थी कि बेरोजगार युवकों को रेलवे में नौकरी देने के नाम पर बहला-फुसलाकर अवैध उगाही की जा रही है। जब एक पुष्ट सूचना मिली कि फर्जीवाड़ा गिरोह के सदस्य ने तीन युवकों को छपरा जंक्शन के सर्कुलेटिंग एरिया में ज्वाइनिंग लेटर देने के लिए बुलाया है तो उसे दबोचने के लिए सादे लिबास में आरपीएफ और राजकीय रेल पुलिस के अधिकारी और जवानों को घेराबंदी करने को कहा गया। सहायक सुरक्षा आयुक्त के अनुसार बाइक पर सवार होकर जैसे ही जालसाज़ पहुंचा उसे घेर कर पकड़ लिया गया। पकड़े गए जालसाज के पास से पूर्व मध्य रेल के लेटर हेड पर फर्जी जॉइनिंग लेटर, रेलवे का आइकार्ड, कई बैंकों के चेकबुक इत्यादि बरामद हुए हैं।

सहायक सुरक्षा आयुक्त के मुताबिक इस गिरोह के लोग अपने चंगुल में फंसे युवकों को विश्वास दिलाने के लिए इनसे वसूले गए रुपयों में से कुछ रकम इनके बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर देते थे। यह इसलिए कि ताकि इनको भरोसा हो जाये कि इनकी नौकरी रेलवे में लग गई है। इनके इस झांसे में फंसे युवक अन्य बेरोजगार युवकों को भी जाने अनजाने इनके पास लाते थे और इनका यह फर्जीवाडा चलता रहता था। हालांकि, जब जॉइनिंग लेटर के साथ पीड़ित युवक रेलवे के कार्यालय में पहुंचते थे, तब उन्हें पता चलता था कि वह फर्जीवाड़ा के शिकार हो गये हैं. इस गिरोह के तार बहुत ऊपर तक जुड़े होने की बात कहते हुए सहायक सुरक्षा आयुक्त ने कहा कि सोशल मीडिया से ही इस गिरोह का पता चला है और पकड़े गए जालसाज़ के मोबाइल से इस गिरोह के मास्टरमाइंड को भी शीघ्र ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। इस गिरफ्तारी से इस फर्जीवाड़ा से जुड़े लोगों में हड़कंप मच गया है।

रेलवे में सिर्फ मेरिट के आधार पर मिलती है नौकरी:

जानकारी हो कि भारतीय रेलवे की ओर से इस बात को लेकर लगातार व्यापक रूप से प्रचार अभियान चलाया जा रहा है कि रेलवे में नियुक्तियां सिर्फ रेलवे भर्ती परीक्षा में प्रदर्शन व तैयार मेरिट सूची के आधार पर ही होती है। उम्मीदवारों को फर्जी नौकरी का रैकेट चलाने वाले दलालों के हाथों फंसने से बचाने के लिए लगातार अभियान चलाया जाता है, लेकिन इसके बावजूद कुछ युवा उनके झांसे में आ जाते हैं। बयान में साफ कहा गया है कि रेलवे में नौकरी हासिल करने के लिए किसी को भी कोई रिश्वत देने की आवश्यकता नहीं है, सिर्फ भर्ती परीक्षा के परिणामों के आधार पर ही चयन किया जाता है। इसीलिए सभी से अनुरोध किया जाता है कि वह नौकरी का झांसा देने वाले गिरोह व दलालों से सावधान रहें।

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