आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 23 सितम्बर 2023 : लायंस क्लब ऑफ सासाराम बनाम श्री गोपाल नारायण सिंह – प्रबंध निर्देशक,  बाल विकास विद्यालय वाद संख्या 30 / 2019 का फैसला राजस्व पर्षद न्यायलय ने मंगलवार दिनांक 19 सितम्बर 2023 को अपने आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है। इस वाद के अपीलकर्ता श्री गोपाल नारायण सिंह , प्रबंध निर्देशक बाल विकास विद्यालय ने माननीय राजस्व पर्षद न्यायलय के समक्ष दिनांक 17 दिसम्बर 2019 को गुहार लगाया था की लायंस क्लब ऑफ सासाराम के सदस्यों के द्वारा माननीय महानिरीक्षक निबंधन , बिहार के कार्यालय में जो शिकायत दर्ज करते हुए वाद किया गया था उस वाद में एकपक्षीय फैसला माननीय महानिरीक्षक निबंधन , बिहार के द्वारा दिनांक 26 नवंबर 2019 को पत्रांक संख्या 737 के माध्यम से दिया गया है। जिसमे जिलाधिकारी रोहतास को बाल विकास विद्यालय समिति के पंजीकृत संविधान में दर्ज वैध सदस्यों के बीच चुनाव कराने का निर्देश पारित किया गया है। इस वाद पर संज्ञान लेते हुए तत्कालीन चेयरमैन राजस्व पर्षद श्री त्रिपुरारी शरण जी ने दिनांक 10 फरवरी 2020 को चुनाव पर अगले आदेश तक रोक लगाया था ।

गत चार वर्षो तक के लम्बे संघर्ष के दौरान माननीय राजस्व पर्षद न्यायलय में चार जज बदले गए और श्री विवेक कुमार सिंह जी ने विस्तारपूर्वक उभय पक्षों को अनेको मौके देते हुए दलीलों को सुना।  श्री गोपाल नारायण सिंह प्रबंध निर्देशक बाल विकास विद्यालय के तरफ से ज्ञानी अधिवक्ता श्री जितेंद्र नारायण सिंह जी ने अपने दलीलों को जज साहब के समक्ष रखा।  लायंस क्लब ऑफ सासाराम के तरफ से ज्ञानी अधिवक्ता श्री मृगांक मौली जी एवं श्री वेंकटेश कीर्ति सिंह जी ने अपने पक्ष सभी बिन्दुओ को कुशलता पूर्वक पेश किया। सरकारी वकील श्री शम्भू प्रसाद जी ने सरकारी पक्ष को कुशलता पूर्वक जज साहब के समक्ष पेश किया।  इस वाद के हर पहलुओं को कुशलतापूर्वक सुनने के पश्चात् दिनांक 19 सितम्बर 2023 को अपना निर्णय दे दिया। 

उपरोक्त निर्णय के माध्यम से अध्यक्ष राजस्व पर्षद श्री विवेक कुमार सिंह जी ने अपने निर्णय में  साफ़ तौर से अंकित किया है की राजस्व पर्षद न्यायलय ने अपने आदेश दिनांक 14 जुलाई 2020 के माध्यम से महानिरीक्षक निबंधन , बिहार से सवाल पूछा था की क्या बाल विकास विद्यालय वाद में महानिरीक्षक बिहार के द्वारा कोई अंतिम निर्णय पारित किया गया है ? जिसके आलोक में महानिरीक्षक निबंधन , बिहार ने 17 अगस्त 2022 को शपथ पत्र दाखिल करते हुए जवाब दिया की उन्होंने अभी तक बाल विकास विद्यालय वाद में अंतिम निर्णय पारित नहीं किया है । महानिरीक्षक निबंधन , बिहार ने शपथपत्र के माधयम से माननीय न्यायलय को अवगत कराया की उन्होंने जिलाधिकारी रोहतास को पत्रांक संख्या 737 दिनांक 26 नवंबर 2019 के माध्यम से बिहार रजिस्ट्रेशन अधिनियम 2018 के कंडिका 18 (iii) के तहत अपने शक्तियों का प्रयोग करते हुए बाल विकास विद्यालय के पंजीकृत संविधान संख्या 58 / 1985 में वर्णित वैध संस्थापक सदस्य एवं लायंस क्लब ऑफ सासाराम के सात नामित सदस्यों के बीच चुनाव कराने का दिशानिर्देश पारित किया है। 

जिसके पश्चात् उभय पक्षों को सुनने के पश्चात एवं उभय पक्षों के द्वारा दाखिल किये गए लिखित दस्तावेजों के पढ़ने के पश्चात् यह साफ़ तौर से साबित होता है की अभी तक महानिरीक्षक निबंधन , बिहार ने अपना आखरी निर्णय पारित नहीं किया है। निबंधन विभाग के महानिरीक्षक ने बिहार रजिस्ट्रेशन अधिनियम 2018 के नियम कंडिका 18 (iii ) के तहत जो आदेश पारित किया है वह अंतरिम आर्डर है और न की अंतिम निर्णय  जिसके विरुद्ध बिहार रजिस्ट्रेशन अधिनियम 2018 के कंडिका नियम 22 के तहत अपील किया जा सके। अतः अपील को ख़ारिज किया जाता है और जिलाधिकारी रोहतास के द्वारा कराये जाने वाले चुनाव पर से रोक हटाई जाती है।

उपरोक्त निर्णय के पश्चात माननीय जिलाधिकारी रोहतास के अध्यक्षता में बाल विकास विद्यालय समिति का चुनाव वैध संस्थापक सदस्य एवं लायंस क्लब ऑफ सासाराम के सात नामित प्रतिनिधियों के बीच होना है।

बाल विकास विद्यालय समिति के वैध सदस्यों की सूची:

सहायक महानिरीक्षक निबंधन, बिहार ने दिनांक 6 अप्रैल 2022 को अपने शपथ पत्र के माध्यम से बाल विकास विद्यालय समिति के वैध सदस्यों की सूचि माननीय राजस्व पर्षद न्यायलय में दाखिल किया था जिसमे उन्होंने चार जीवित संस्थापक सदस्यों एवं लायंस क्लब ऑफ सासाराम के सात नामित प्रतिनिधियों को बाल विकास विद्यालय समिति का वैध सदस्य घोषित किया है।

लायंस क्लब ऑफ सासाराम के अध्यक्ष रोहित वर्मा ने कहा की उपरोक्त शपथ पत्र से साफ़ तौर से स्पष्ट हो गया है की :

  • सहायक महानिरीक्षक निबंधन , बिहार के द्वारा दिनांक 6 अप्रैल 2022 को दाखिल किये गए शपथ पत्र से यह साफ़ तौर से स्पष्ट हो चूका है की बाल विकास विद्यालय समिति में मात्र 11 वैध सदस्य है , 4 जीवित संस्थापक सदस्य एवं लायंस क्लब ऑफ सासाराम के सात नामित सदस्य। इन ग्यारह सदस्यों के अलावा कोई भी व्यक्ति बाल विकास विद्यालय समिति का वैध सदस्य नहीं है।
  • बाल विकास विद्यालय समिति में स्वघोषित उपाध्यक्ष श्री मुनमुन सर्राफ के अध्यक्षता में आयोजित बैठक के द्वारा दिनांक 7 अक्टूबर 2018 को आयोजित सभा में  बनाये गए सभी सदस्य वैध सदस्य नहीं है। 07 अक्टूबर 2018 के आयोजित बैठक की कार्यवाही देखी जाये तो हास्यास्पद प्रतीत होता है क्यों की इस बैठक की कार्यवाही में लिखा हुआ है की अध्यक्ष के अनुपस्थिति में उपाध्यक्ष श्री मुनमुन सर्राफ की अध्यक्षता में बैठक की जा रही है और उसी बैठक के कार्यवाही के प्रस्ताव संख्या 4 में श्री मुनमुन सर्राफ खुद सदस्य बनने का प्रस्ताव पारित कर रहे है। जब वे बाल विकास विद्यालय समिति के सदस्य ही नहीं थे तो वो उपाध्यक्ष कैसे बन गए और यदि वे उपाध्यक्ष पहले से थे तो वो समिति के सदस्य क्यों बने ?
  • साथ ही सभी दिवंगत संस्थापक सदस्यों के वंशजो का बाल विकास विद्यालय समिति में कोई स्थान नहीं है क्यों की सभी संस्थापक सदस्य बाल विकास विद्यालय समिति के आजीवन थे।
  • यदि वर्तमान के बाल विकास विद्यालय समिति को गौरपूर्वक देखा जाये तो बाल विकास विद्यालय समिति में सिर्फ श्री गोपाल नारायण सिंह जी अकेले वैध सदस्य है बाकी के सभी लोग अवैध सदस्य है।
  • डॉ एस० पी० वर्मा जी जो बाल विकास विद्यालय समिति के एक संस्थापक सदस्य है साथ ही वे इस विद्यालय समिति के प्रथम संस्थापक सचिव है , उनको वर्तमान विद्यालय प्रबंधन समिति में मुख्य संरक्षक का पद दिया गया है जो “पद” बाल विकास विद्यालय समिति के पंजीकृत संविधान के किसी भी नियमावली मैं है ही नहीं। एक मनमाना पद बना कर डॉ एस पी वर्मा जी जैसे वरीय संस्थापक सदस्य को अलग करने की साजिश रची गयी थी।
  • हैरानी एवं अचरज की बात यह है की श्री मुनमुन सर्राफअभी के बाल विकास विद्यालय कार्यकारिणी समिति के कोषाध्यक्ष है। जब उनकी सदस्यता ही प्रश्न चिन्ह के घेरे में है तो वो किस हैसियत से बाल विकास विद्यालय के विद्यार्थियों के शुल्क का पैसा का चेक काट कर कोषाध्यक्ष बने हुए है। इसी प्रकार श्री ओमप्रकाश चौरसिया अध्यक्ष के पद पर है , श्री कृष्णा प्रसाद ऐकडेमिक निर्देशक एवं श्री अमन पटेल डेवलोपमेंट डायरेक्टर के पद पर डंटे हुए है।
  • श्री मुनमुन सर्राफ अवैध रूप से बाल विकास विद्यालय के कोषाध्यक्ष बन कर सभी चेक पर धड़्डले से हस्ताक्षर कर रहे है जो दुर्भाग्यपूर्ण है। हम सभी उम्मीद करते है की माननीय न्यायलय बहुत जल्द उनके इस कृत पर संज्ञान लेते हुए उचित कार्यवाही करेगा।

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