आज पैरवी व बन्दी अधिकार आन्दोलन के संयुक्त बैनर तले “किशोर न्याय में बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारी की भूमिका और प्रभाव” पर आहूत बेबीनार में पटना उच्च न्यायालय के अधिवक्ता श्री अजय कुमार ने कहा कि किशोर कानून का केंद्रबिंदु किशोर कल्याण है । विधि के विरोध में और देख रेख और संरक्षण की आवश्यक्ता में बालको का पुनर्वासन और सामाजिक पुनरेकीकरण प्रमुख है .इसमे बालको के सर्वोत्तम हित का ख्याल रखना है जिसमे पुलिस की भूमिका का और अधिक सकारात्मक उपयोग किये जाने की जरूरत है किशोर न्याय बोर्ड ,पटना के सदस्य नावज़ूल हक़ ने बताया कि किशोर का पहला परिचय पुलिस के माध्यम से ही होता है हर थाने में एक बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारी होता है जो किशोर मामलो की खोजबीन करती है ,इसलिए उनको संवेदनशील बनाने के लिए लगातार प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए ताकि वे किशोरों के साथ वयस्क अपराधियों जैसा व्यवहार न करें । किशोर न्याय बोर्ड ,सीतामढ़ी की सदस्या अलका रानी ने बताया कि थानों में महिला बाल पुलिस कल्याण अधिकारी की नियुक्ति को महत्व देने की जरूरत है । पुलिस थाने के नोटिस बोर्ड पर बाल कल्याण पुलिस अधिकारी की सूची नाम मय दूरभाष नयम्बर सहित अंकित होना चाहिए ,बालिकाओं से बातचीत करने के लिए महिला पुलिसकर्मी का होना बहुत जरूरी है दरभंगा के किशोरन्याय बोर्ड के मेंबर अजीत मिश्र ने विमर्श को बढ़ाते हुए कहा कि बाल कल्याण पुलिस अधिकारी सामाजिक पृष्ठभूमि रिपोर्ट सौंपने में बिलंब न करें आरक्षी निरीक्षक धर्मेंद्र कुमार ने कहा कि पुलिस को बालको के हितैषी और संरक्षक के रूप में काम करना है और उसके हित को सर्वोपरि मानना है ,लेकिन कार्य बोझ से लदा पुलिस बल को और नैतिक साहस की जरूरत है ।

बन्दी अधिकार आंदोलन के संयोजक संतोष उपाध्यय ने कहा कि पुलिस बालको की उम्र का सत्यापन उचित ढंग से नही करती है इसलिए बालको को जेलो में भी देखा जा रहा है इन्हें जेल या पर्यवेक्षण गृह से पुलिस की उसी भयंकर गाड़ी में लाया जाना किशोर न्याय की आत्मा का उल्लंघन है जमानत आवेदन पर विचार करते समय निराशाजनक ढंग से पुलिस हमेशा ही किसी न किसी बहाने के किशोर विधान की भावना के प्रतिकूल विरुद्ध जाके जमानत के खिलाफ अपनी रिपोर्ट दाखिल करती है अभी पुलिस थाने बाल मैत्री ढंग से पेश नही आ रहे है पैरवी के दीनबन्धु वत्स ने कहा कि पुलिस का उचित और कानून सम्मत व्यवहार ही किशोर के अधिकार सुनिश्चित करने की दिशा में एक कदम होगा,इसके लिए किशोर न्याय बोर्ड,पुलिस अफसर,जिला बल संरक्षण इकाई सहित तमाम हितधारकों को एक साथ बैठकर किशोरों की समस्या पर सोचना होगा । अन्य वक्ताओं में शशि कुमारी,ब्रजेश गया,वंदना शर्मा,रजनीश श्रीवास्तव,महेश कुमार करण कुमार आदि रहे ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !! Copyright Reserved © RD News Network