तिलौथू (रोहतास) : पराली नहीं जलाने के लिए कृषि विभाग द्वारा अपने क्षेत्रों में लगातार किसानों को जागरूक किया जा रहा है इसके बावजूद किसान सुनने को तैयार नहीं हैं और अपने खेतों में फसल अवशेष धड़ल्ले से जला रहे हैं। जबकि कृषि विभाग स्पष्ट तौर पर कह चुका है कि फसल अवशेष जलाने वाले किसान कृषि विभाग के सभी तरह के लाभ या अनुदान से वंचित हो जाएंगे। पिछले रबी मौसम में पराली जलाने पर तिलौथू प्रखंड के दो किसानों पर कार्रवाई की गई थी बावजूद इसके पराली जलाने की शिकायतें कम नहीं हो रही हैं।

प्रखंड कृषि पदाधिकारी शिवजी पासवान ने बताया की सरकार ने अब खेतों में फसल अवशेष जलाने पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा दिया है। अब अगर फसल अवशेष खेत में जलाते हुए किसान पकड़े गए तो उनके ऊपर मुकदमा दर्ज किया जाएगा। इसलिए किसानों से अनुरोध है कि खेतों में पुआल आदि ना जलाएं । किसान अभी भी पराली जलाने के दुष्प्रभाव से अनभिज्ञ हैं। इससे सरकार को नहीं बल्कि उसी किसान को नुकसान है जो इसे खेतों में जला रहे हैं। खेतों में पराली जलाने के बाद खेत की पूरी उर्वरा शक्ति खत्म हो जाती है। लेकिन अगर वही पुआल या फसल अवशेष खेतों में छोड़ दी जाए वह एक बेहतर उर्वरक का काम करता है ।

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