किले तक 12.65 करोड़ की लागत से शुरू होगा रोपवे निर्माण
आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 28 फरवरी 2022 : सासाराम। पर्यटन की असीम संभावनाओं से भरा बिहार का रोहतास जिला अब सैलानियों एवं जिलेवासियों के लिए आए दिन नई नई सौगात लेकर आ रहा है। देश के प्राचीन ऐतिहासिक धरोहरों में शामिल जिले के रोहतास गढ़ किले तक रोपवे निर्माण परियोजना को मंजूरी मिलने से जिले में पर्यटन को काफी बल मिला है तथा पहाड़ी क्षेत्रों में बसे ग्रामीणों सहित जिले वासियों एवं सैलानियों के बीच हर्ष का माहौल है। कैमूर पहाड़ी पर अवस्थित रोहतासगढ़ किले तक सुगमता से पहुंचने का सपना अब जल्द ही साकार होने वाला है। रोहतासगढ़ किले पर जाने के लिए रोपवे निर्माण की सभी प्रक्रियाएं पूरी कर ली गई है जिस पर कुल 12 करोड़ 65 लाख रुपए की राशि खर्च की जाएगी। इस परियोजना को लेकर सरकार ने वन, भूमि, पर्यावरण एवं मानसून आदि का विस्तृत अध्ययन करते हुए इसके निर्माण के लिए स्वीकृति दे दी है। जिससे पहाड़ों के ऊपर बसे कई गांवों के वर्षों से उपेक्षित लोगों के दिन अब बहुरेंगे तथा पर्यटन को भी काफी बढ़ावा मिलेगा। इस संदर्भ में जानकारी देते हुए विकास शाखा की प्रभारी एवं वरीय उप समाहर्ता रश्मि सिंह ने बताया कि रोहतास प्रखंड मुख्यालय अंतर्गत अकबरपुर गांव से चौरासन मंदिर तक रोपवे निर्माण के लिए प्रशासनिक स्वीकृति दे दी गई है। 1300 मीटर लंबे रोपवे निर्माण पर कुल 12 करोड़ 65 लाख रुपए खर्च होंगे तथा निर्माण एजेंसी द्वारा जल्द ही कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा। साथ हीं रोहतास गढ़ किले पर सैलानियों के ठहरने के लिए अतिथि गृह का भी निर्माण किया जाएगा। बतां दें कि जिले के चहुंमुखी विकास में मील का पत्थर साबित होने वाले इस रोपवे का निर्माण राज्य पुल निर्माण निगम की देखरेख में किया जाएगा तथा परियोजना के तहत निचली एवं ऊपरी टर्मिनल के समीप भवन भी बनाए जाएंगे। जहां यात्रियों के लिए बोर्डिंग, टिकट काउंटर, शौचालय, बिजली सहित सभी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इस परियोजना के निर्माण से जहां प्रतिदिन स्थानीय लोगों को दुर्गम पहाड़ियों की चढ़ाई से छुटकारा मिल जाएगा वहीं सैलानियों को भी सुगमता से किले तक जाने में सहूलियत होगी। रोपवे के निर्माण से काफी संख्या में सैलानी इस ऐतिहासिक धरोहर के साथ साथ कैमूर पहाड़ी की प्राकृतिक सुंदरता का दीदार करने पहुंचेंगे। जिससे राजस्व में भी भारी इजाफा होगा। वहीं इस पूरे प्रखंड क्षेत्र में पर्यटकों की चहल कदमी से स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे तथा पहाड़ी लोग भी समाज की मुख्यधारा से पूरी तरह जुड़ा हुआ महसूस करेंगे। उल्लेखनीय है कि बिहार का रोहतास जिला अपनी प्राकृतिक सुंदरता एवं रमणियता के लिए हमेशा से प्रसिद्ध रहा है। नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के बावजूद भी सैलानी दशकों से रोहतास की वादियों में अपना कीमती वक्त व्यतीत करते रहें हैं। यहां की पहाड़ी नदियां, झरने, हरे-भरे जंगल आदि लोगों को अनायास ही अपनी ओर खींचते हैं जिससे पूरे वर्ष भारी संख्या में लोग रोहतास की वादियों का आनंद उठाते हैं।