आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 11 जनवरी 2022 : नोखा। पंचायत चुनाव के संपन्न होते ही नगर निगम चुनाव की तस्वीर भी साफ हो रही है। इस साल नगर निगम चुनाव बदली हुए परिस्थितियों में होगी। पहले जहां पर पार्षद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को चुनते थे, वहीं अब अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव जनता करेगी। एक बड़ा बदलाव ये भी हुआ है कि अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव भी नहीं लाया जा सकेगा। नगर पालिका अधिनियम 2007 की धारा 23 और 25 में संशोधन किया गया है। ये दोनों धारा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुनाव और इन दोनों के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने से संबंधित है। नए नियम के तहत अब वार्ड पार्षद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव नहीं करेंगे और न ही वार्ड पार्षद की तरफ से अध्यक्ष या उपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकेगा। बदली परिस्थिति में जनता ही अध्यक्ष और उपाध्यक्ष चुनेंगी। अब अध्यक्ष या उपाध्यक्ष के त्यागपत्र, इनकी मृत्यु होने या किसी आपराधिक मामले में छह माह तक फरार रहने की स्थिति में अध्यक्ष या उपाध्यक्ष को हटाया जा सकेगा। पूर्व वार्ड पार्षद मनोज कुमार गुप्ता कहते हैं कि नियमों में संशोधन का स्वागत है। इससे अच्छा और क्या होगा कि जनता अपनी पसंद के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को चुने। यदि अध्यक्ष या उपाध्यक्ष निरंकुश हो जाए तो ऐसी परिस्थिति में क्या किया जाएगा। अभी ये साफ होना भी बाकी है कि क्या चुनाव दलगत होंगे या दल से बाहर। ये जनता के सामने लाना चाहिए। नगर परिषद के तत्कालीन अध्यक्ष पम्मी वर्मा संशोधन का स्वागत करते हुए कहते हैं कि इससे न सिर्फ नगर परिषद का विकास होगा बल्कि नगर परिषद के काम में पारदर्शिता आएगी। नगर परिषद में भ्रष्टाचार पर भी लगाम लगेगा।नोखा नगर परिषद की निवर्तमान अध्यक्ष पम्मी वर्मा ने नए नियम का स्वागत किया है। कहा, नए नियम से साफ हो गया है कि सभापति और उपसभापति का चुनाव जनमत करेगी, धनबल और बाहुबल नही। धनबल और बाहुबल का परिणाम क्या रहा नगर परिषद के जनता ने खूब अच्छी तरह देखा है। इसलिए उम्मीद है कि नगर परिषद की जनता इतिहास से सबक लेगी और नगर परिषद के वोटर आने वाले दिनों में ऐसे लोगों को पदासीन करेंगे जिससे नगर परिषद में नई सुबह का आगाज़ होगा। राज्य सरकार के इस ऐतिहासिक निर्णय के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को धन्यवाद देती हूं।