रोहतास दर्शन न्यूज़ नेटवर्क : 29 सितम्बर 2021 : नोखा। अपने पुत्र के चिरंजीवी होने की कामना को लेकर मनाया जाने वाला जितिया व्रत पूरे नोखा प्रखंड में मंगलवार को निर्जला व्रत के साथ प्रारंभ हुआ। इस बार व्रत करनेवाली माताएं करीब 36 घंटे से अधिक निर्जला व्रत रखते हुए बुधवार को संध्या 5 बजे के बाद अपना व्रत तोड़ेंगी। मंगलवार को व्रती माताओं ने निर्जला उपवास रखकर भगवान जीमूत वाहन की विधिवत पूजा-अर्चना एवं जीवित पुत्रिका व्रत कथा का नियमानुसार श्रवण किया। इसके लिए अधिकतर व्रती माताओं ने जहां अपने घरों में ही पूरे आस्था के साथ जीमूतवाहन का पूजा करते हुए डाली भरे। वही कई स्थानों पर व्रतियों ने परंपरानुसार भगवान सूर्य को भी अर्ध्य अर्पित किया। ऐसी मान्यता है कि व्रत रखने वाली माताओं के पुत्र दीर्घजीवी होते हैं और उनके जीवन में आने वाली सारी विपतियां स्वत: टल जाती है। जीउतिआ पर्व मना रहे नगर परिषद क्षेत्र के भलुआहीं वार्ड नं सात की महिलाओं की मानें तो , अपने पुत्र के दीर्घायु होने की कामना के साथ माताओं द्वारा कई तरह के व्रत उपवास किये जाते हैं। लेकिन इनमें जीवित पुत्रिका व्रत का अलग महत्व है। पुत्रवती माताएं इस व्रत को पूरे मनोयोग से करती हैं। ऐसी मान्यता है कि जीउतिया व्रत रखने वाली माताओं के पुत्र न केवल दीर्घायु होते हैं , बल्कि उन्हें हर तरह के संकटों से मुक्ति मिलती है। इस त्यौहार के बारे में आगे बताते हुए व्रती महिलाओं ने कहा की सतयुग के राजा जीयूतवाहन द्वारा अपनी प्रजा के बच्चों को गरुड़ से बचाने के लिए किए गए प्रयास से खुश होकर उन्हें गरुड़ ने यह वरदान दिया था कि ,आज के दिन से जो भी आश्विन माह के कृष्ण पक्ष के अष्टमी तिथि को तुम्हारे कुश की आकृति बनाकर पूजा करेगा उसके बच्चों पर आने वाले सारे संकट टल जाएंगे। तब से ही इस पर्व को हमारे पूर्वज मनाते आ रहे है।

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