डेहरी ऑन सोन : डेहरी व्यवहार न्यायालय परिसर में मंगलवार को न्यायिक पदाधिकारियों के साथ साथ विधिज्ञ संघ के अधिवक्ताओं की एक बैठक जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री राजेंद्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में हुई। बैठक में 12 दिसंबर को आयोजित होने वाले वर्चुअल राष्ट्रीय लोक अदालत पर चर्चा की गई । विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव श्री उमाशंकर जी ने बताया कि नालसा के निर्देश पर इस बार का लोक अदालत पूरी तरह वर्चुअल होगा। जिस में सुलह योग्य मुकदमा के पक्षकार गण सुलहनीय मामला हो या सुलह समझौता के आधार पर अपने स्मार्टफोन का इस्तेमाल कर मुकदमा में सुलह कर सकते हैं। सुलह योग्य मुकदमा के पक्षकार गांव के मोबाइल नंबर प्राप्त करने की प्रक्रिया जारी है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में अधिवक्ताओं के साथ बैठक की जा चुकी है ।साथ ही बैंक के पदाधिकारियों को भी बकाया ऋण वसूलने में बकाए दार के मजबूरी को भी ध्यान में रखने की बात कहीं। उल्लेखनीय है कि लोक अदालत के माध्यम से सुलह योग्य अपराधिक वाहन दुर्घटना दावा वाद राजस्व वाद बैंक ऋण बकाया परिवारिक विवाद वाद वन अधिनियम अंतर्गत वाद प्रतिष्ठान अधिनियम वाद सहित अन्य वादों का निपटारा आपसी सहमति से किया जाता है। लोक अदालत में निपटारा होने वाले मुकदमों की संख्या में निरंतर वृद्धि इस बात को बताती है कि आज के समय के लोग मुकदमा को सुलह के आधार पर निपटाने में दिलचस्पी रखते हैं ।लोक अदालत केवल एक प्लेटफार्म है जो पक्षकारों को मिलाने का प्रयास करता है तथा उनके द्वारा किए गए सुलह को कानूनी मान्यता देता है ।लोक अदालत का निर्णय अंतिम निर्णय होता है जिसका कोई अपील नहीं किया जा सकता है। इस अदालत के फैसले से समाज में प्रेम भाव का संदेश जाता है। बैठक में आगामी लोक अदालत पर विभिन्न न्यायालय द्वारा किए गए कार्यों की समीक्षा की गई तथा आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए। वही डेहरी अनुमंडल विधिज्ञ संघ के पूर्व अध्यक्ष उमा शंकर पांडे उर्फ मुटुर पांडे ने जिला अध्यक्ष से मांग किया कि फिजिकल कोर्ट चलाया जाए और पांच कोर्ट में सिर्फ दो ही कोर्ट चल रहा है। उन्होंने पांचों कोर्ट चलाने की मांग की ताकि मौवकिल एवं अधिवक्ताओं को कार्य करने में राहत मिल सके। मौके पर न्यायिक पदाधिकारी चंदन कुमार वर्मा आदिती गुप्ता अनुमंडल विधिज्ञ संघ के अध्यक्ष रमाकांत दुबे मिथिलेश कुमार श्रीवास्तव सहित कई अधिवक्ता उपस्थित थे।