डेहरी ऑन सोन : लोक आस्था का महापर्व छठ व्रत उदीयमान सूर्य को अर्ध्य देने के साथ ही संपन्न हो गया। छठ व्रत को लेकर सामाजिक संगठनों द्वारा व्रतियों के लिए प्रसाद के रूप में फल-फूल का वितरण भी किया गया। मुख्य पार्षद विशाखा सिंह व पार्षद संजीत सिंह द्वारा नगर परिषद क्षेत्र के जरूरतमंद लोगों के बीच फल का वितरण किया गया। वही ऑल इंडिया रिपोर्टर एसोसिएशन की ओर से एनीकट में फल वितरण किया गया। स्थानीय विधायक फतेह बहादुर सिंह ने सभी छठ घाटों का निरीक्षण कर पूजा समितियों को आर्थिक सहयोग किया और स्वयं प्रशासनिक तैयारियों का जायजा लेते दिखे। इस दौरान कोरोना संक्रमण पर आस्था का महान पर्व भारी पड़ा। शहर से गांव तक हर तरफ छठी मइया की भक्ति दिख रही थी। छठ के गीतों से वातावरण गुंजायमान रहा। अर्घ्य देने के पूर्व व्रतियों ने पानी में खड़ा होकर सूर्य का ध्यान लगाया।
बुधवार को नहाय खाय के साथ शुरू छठ व्रत के तीसरे दिन शाम को सांध्यकालीन अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य के बाद की पूजा की गई। कई छठ व्रतियों ने छठ घाटों पर रात गुजारी तो कई वापस अपने घर लौट गए थे। शनिवार कि सुबह छठ घाट पर व्रतियों ने सूर्य को उदय होने का इंतजार किया। सूर्य की लालिमा दिखते हीं उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के बाद हवन-पूजन के साथ ही चार दिवसीय पूजा का समापन हो गया। अर्घ्य देने के बाद व्रतियों ने पारण के साथ अपने 36 घंटें का निर्जला व्रत को समाप्त किया। राजपूतान मोहल्ला स्थित राजपूत भवन में मुख्य पार्षद विशाखा सिंह व पार्षद संजीत सिंह के परिजनों ने जहां सरकारी गाइडलाइन के तहत छठ व्रत किया। वही एनीकट टाल बांस के समीप घाट पर एसडीएम सुनील कुमार सिंह, एएसपी संजय कुमार, जिले के उप विकास आयुक्त व गया के एक आईपीएस अधिकारी ने छठ व्रत किया। कई परिवारो ने अपने अपने घरों मे छठ वर्त कर भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया । कोरोना को लेकर जारी गाइडलाइन का कोई असर नही देखा गया। छठ व्रतियों के साथ उनके परिवार के 10 साल से नीचे के बच्चे और 60 साल के ऊपर के बुजुर्ग भारी संख्या में दिखाई दिए। सोन नद से लेकर कैनाल तक लोगों की उमड़ी भीड़ को देख हर कोई यह कह रहा था, कि कोरोना पर आस्था का पर्व भारी पड़ा। एसडीएम सुनील कुमार सिंह, एएसपी संजय कुमार, बीडीओ अरुण सिंह, थानाध्यक्ष चन्द्रशेखर गुप्ता, डालमियानगर थानाध्यक्ष ओम प्रकाश सिंह, नप ईओ सुशील कुमार सिंह से सोन में गस्ती करते रहे, और लोगों को सुरक्षित स्थान से छठ व्रत मनाने का संदेश देते रहे, तथा सभी छठ घाट का जायजा लेते रहे।