डालमियानगर : पर्यटनो को विकसित करने के लिए इंद्रपुरी बराज के गेस्ट हाउस के समीप अत्याधुनिक सुविधा से लैस एक फ्रेंडली इको पार्क बनाया जा रहा है।यह पार्क करीब ढाई करोड़ की लागत से 29 हजार वर्ग मीटर में बन रहा है। जिसे जल संसाधन विभाग के सौजन्य से पार्क का निर्माण कराया जा रहा है। इस पार्क में खेलने, टहलने व व्यायाम करने की सुविधा भी उपलब्ध है। यहाँ एक साथ कई परिवार के लोग मौज मस्ती व मनोरंजन भी कर सकते है। बच्चे खेलकूद कर मनोरंजन भी कर सकते है। मनोरंजन के मद्दे नजर पार्क में गजबो, मार्बुल हॉट , एमपी थ्रीयटर ,जिम सेंटर ,आर्टिफिकल वाटरफॉल, म्यूजिकल फाउंटेन ,खुबसूरत गार्डेन व बाग बगीचे के साथ कैंटीन की ब्यवस्था की गयी है। जो इस पार्क की सुंदरता में चार चांद लगती है। जिसे देखने के लिए लोग दूर दूर से आते रहते है। यह अपने आप में एक आकर्षण का केंद्र है। यह जगह बाहरी कलाकारों, सेलिब्रिटीयो के लिए मनमोहक दृष्य बनी हुई है। इसकी खूबसुरती की छटा फिल्मी जगत के कलाकारों को भी अपनी तरफ आकर्षित करती है। यहां फ़िल्मी एलबम गाने की शूटिंग एवम लोकेशन को लेकर आये दिन भीड़ भी लगी रहती है। यहाँ प्रतिदिन कलाकारों का जमावड़ा लगा रहता है। बताते चले कि इको पार्क के पास बराज के गेस्ट हाउस में सोन प्रणाली की नक्शा के मांडल रखी गयी है। जो लोगो को अपनी तरफ आकर्षित भी करती है। सोन नद, मध्यप्रदेश के अमरकंटक पहाडियों के वादियो से बहता हुआ यूपी, झारखंड व बिहार के पहाडियों से गुजरते हुए, पटना के समीप गंगा नदी में मिल जाता है। सोन नद बालू के लिए भी पूरे देश मे मशहूर है। जिसका पीला रंग सोने की तरह चमकती है। भवनो के निर्माण के लिए इस नद का बालू सर्वोत्तम माना जाता है, तथा यहां का बालू अन्य राज्यों में भवन एवम सड़क निर्माण के लिए, भारी मात्रा में भी जाता है। सिचाई सुविधा विकसित करने के लिए रोहतास जिले के इंद्रपुरी में 1960 में सोन बराज का निर्माण कार्य शुरू किया गया। 1968 ई0 में इसे पूरी तरह तैयार कर चालू किया गया। यह बराज आज, इंद्रपुरी बराज के नाम से जाना जाता है। इसके पूर्वी व पश्चिमी छोर से कई नहर निकाली गयी है। इसी नहर से खेतों की सिंचाई करने के लिए आठ जिलों में नहरों की जाल बिछायी गयी है। इसलिए यह क्षेत्र धान के कटोरा के नाम से भी प्रसिद्ध है। इस बराज को देखने व पिकनिक मनाने के लिए लोगो का भीड़ हमेशा लगा रहता है। साथ ही यहाँ सैलानियों का जमावड़ा भी लगा रहता है। सैलानी सोन नदी के पानी से खाना भी पकाते है। यहाँ आकर लोग सपरिवार मौज मस्ती भी करते है। ऐसे में बराज के समीप, जगह की कमी को देखते हुए व आज के जीवन में भागदौड़ को देखते हुए, लोगों को विश्राम, मौज-मस्ती, मनोरंजन में समय ब्यतीत करने के लिए, जल संसाधन विभाग ने इको पार्क का निर्माण कराने का निर्णय लिया। कोरोना महामारी के वजह से निर्माण कार्य मे थोड़ा विलंब हो गया है, लेकिन कार्य प्रगति पर है। जल्द कार्य पूरा कर लिया जाएग। इस मनोरम व सुंदर दृश्य से साबित होता है कि, आने वाले दिनों में यह चर्चा का विषय भी रहेगा।


क्या कहते है अधिकारी?
जल संसाधन विभाग, इंद्रपुरी डिवीजन के कार्यपालक अभियंता रविन्द्र चौधरी ने बताया किया, लगभग ढ़ाई करोड़ की लागत से 29 हजार वर्ग मीटर के क्षेत्र में इको पार्क का निर्माण कार्य हो रहा है। इसके चहारदीवारी का भी काम चल रहा है। जो जल्द तैयार हो जायेगा।

क्या कहते हैं स्थानीय लोग?
इस संबंध में स्थानीय लोग सुमित कुमार, रविषेक कुमार, राजेश कुमार, बिरजू सिंह, प्रवीण कुमार, समता सिंह ने कहा कि पार्क बनने से लोगों में स्वास्थ्य एवं स्वच्छता को लेकर प्रेरणा प्राप्त होगा। यह स्थान पर्यटन स्थल के रूप में भी विकसित होगा। बाहरी लोगों का आवागमन भी बढ़ेगा, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार प्राप्त होगा। फिल्मी जगत एवं सेलिब्रिटीओं के लिए आकर्षण का केंद्र बनने के कारण, यहां के लोगों को रोजगार के लिए नया अवसर भी पैदा होगा। पार्क में मनोरंजन तथा खेलकूद की व्यवस्था होने के कारण, बच्चों एवं बुजुर्गों का स्वास्थ भी बेहतर होगा।

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