आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 22 फरवरी 2022 : डेहरी-ऑन-सोन । मॉडल स्कूल डालमियानगर के प्रांगण में मंगलवार को बिहार पुलिस सप्ताह के अवसर पर महिला एवं बाल सशक्तिकरण पर वाद विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि एएसपी नवजीत सिम्मी ने अपने संबोधन में छात्र एवं छात्राओं का उत्साह वर्धन करते हुए कहा कि आप अपना लक्ष्य निश्चित कर ही आगे बढ़ सकते हैं जिस क्षेत्र में आपकी रूचि हो उसी क्षेत्र को आप कार्यक्षेत्र बना ले आप डॉक्टर इंजीनियर आईएस पायलट शिक्षक या समाज सेवा के अलावे जो भी बनना चाहती हैं कुछ और अभी से ही लक्ष्य को निर्धारित कर कांच करें गलत कार्य न करें ना करने दे प्रत्येक कार्य समय पर करें । अनुशासन में रहकर ही समाज का विकास किया जा सकता है तथा उन्होंने छात्रों को हौसला बढ़ाते हुए हर समय सहयोग करने की बातें की तथा उन्होंने कहा कि अपनी कमियों को दूर कर अपने आप को मोटिवेट करें। उन्होंने कहा कि आज महिलाएं प्रत्येक क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं ,और हर कुरीतियों से लड़ रही हैं। वही मॉडल स्कूल के प्राचार्य डॉ पी शाही ने अपने संबोधन में बताया कि बाल विवाह एक ऐसा रूढ़िवादी पेड़ है जिसे कार तो दिया गया है परंतु उसे पूर्ण रूप से खत्म नहीं किया जा सका है । आज भी भारत में 27 प्रतिशत लड़कियों की शादी समय से पूर्व हो जाती है जो सरासर गलत है। आज छात्राएं पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है। आज महिलाएं अंतरिक्ष में पहुंच गए हैं पायलट तथा सेना में भर्ती होकर देश का नाम रोशन कर रही है। बाल विवाद प्रतियोगिता में एक दर्जन से ज्यादा छात्र- छात्राओं ने भाग लिया जिसमें रिया कुमारी ,सोफिया कौशल, आदिति कुमारी ,रुद्राक्ष चौहान के अलावे अन्य छात्रों ने अपने विचार को व्यक्त की है। प्रतियोगिता के समाप्ति के उपरांत महिला एवं बाल सशक्तिकरण पर हुए बाद विवाद प्रतियोगिता में प्रथम स्थान रिया कुमारी को घोषित किया गया वहीं द्वितीय स्थान पर सूफिया और तृतीय स्थान पर सौरव कुमार को घोषित किया गया। प्रथम स्थान द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त रिया कुमारी , सुफिया व सौरभ कुमार ने वाद विवाद प्रतियोगिता में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा की महिलाएं आज प्रत्येक क्षेत्र में आगे बढ़ समाज के नव निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान निभा रही हैं।

क्या है महिला सशक्तिकरण: महिलाओं के सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार लाना ताकि उन्हें रोजगार शिक्षा आर्थिक तरक्की के बराबर के मौके मिल सके जिससे वह सामाजिक स्वतंत्रता और तरक्की प्राप्त कर सके समाज में उनके वास्तविक अधिकार को प्राप्त करने के लिए उन्हें सक्षम बनाना कि महिला सशक्तिकरण है। इससे महिलाएं शक्तिशाली बनती हैं। और वह अपने जीवन से जुड़े हर फैसले समय ले सकती है। अपने परिवार और समाज में अच्छे से रह कर प्रत्येक क्षेत्र में आगे बढ़ने और बढ़ाने की प्रेरणा देती है। समाज में उनके वास्तविक अधिकार को प्राप्त करने के लिए उन्हें सक्षम बनाना आवश्यक है।
वही बाल सशक्तिकरण में नाबालिक बच्चों का विवाह करना सरासर गलत है भारत में 27 प्रतिशत लड़कियों की शादी 18 वर्ष पूर्व कर दी जाती है महिलाओं का विकास में सबसे बड़ा अवरोध बाल विवाह है आज भी हमारे देश में बाल विवाह जैसी कुरीतियां खत्म नहीं हुई है जिसका मुख्य कारण है गरीबी आज गरीबी के कारण 47% तक लड़कियों की शादी 18 वर्ष से पूर्व कर दी जाती है जिसे रोकना अति आवश्यक है।

मंच का संचालन छात्र अभिषेक भारद्वाज के द्वारा किया गया। मौके पर निर्णायक मंडल मैं डीएसपी सरोज कुमार साह , डीएसपी अर्चना कुमारी थे। थानाध्यक्ष गौतम कुमार, सुभाष कुमार सिंह, प्रदीप कुमार श्रीवास्तव, अजय प्रताप, लल्लू सर, मंजू शाही के अलावे अन्य लोग उपस्थित थे।

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