परीक्षार्थियों के एक गुट ने उड़ाई लीक की अफवाह, अफवाह फैलाने वालों पर होगी कार्रवाई।

औरंगाबाद । औरंगाबाद में रविवार को बिहार लोक सेवा आयोग(बीपीएससी) की 66वीं प्रारंभिक परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक मामलें में जिलाधिकारी सौरभ जोरवाल के आदेश पर गठित त्रिसदस्यीय जांच कमेटी ने तत्काल जांच रिपोर्ट सौंप दी है। जांच रिपोर्ट में पर्चा लीक को सिरे से नकारा गया है और परीक्षा वाकआउट का ठीकरा अफवाह पर फोड़ा गया है। जिला जनसंपर्क पदाधिकारी कृष्णा कुमार ने देर शाम प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि अपर समाहर्ता की अध्यक्षता में गठित जांच कमेटी द्वारा परीक्षार्थियों के आवेदन की जांच की गई। उन्होने बताया कि परीक्षार्थियों द्वारा दो बिंदुओं पर शिकायत की गई थी, जिसमें परीक्षा का 12.30 अपराह्न में प्रारम्भ होना, प्रश्न पत्र का सील टूटा होना तथा प्रश्न पत्र को परीक्षार्थियों के सामने नही खोला जाना शामिल है। डीपीआरओ ने बताया कि समिति द्वारा मामले की विस्तृत जांच की गई। जांच में परीक्षा 12.30 से प्रारम्भ होने की बात गलत पाई गई क्योंकि मजिस्ट्रेट के अनुसार हंगामा 12 बजे से पहले ही प्रारम्भ हो गया था। 12.00 बजे गोपनीय शाखा एवं 12.06 मिनट पर अनुमंडल पदाधिकारी के दूरभाष पर हंगामे की सूचना प्राप्त हो चुकी थी, जिसे टाइम स्टैम्प द्वारा भी वेरीफाई किया गया। प्रश्न पत्र सील टूटने की शिकायत की जांच में पाया गया कि सभी प्रश्न पत्र का सील सुरक्षित है। केवल प्रश्न पत्र के गट्ठर को वितरण के लिए खोला गया था जिसकी वीडियोग्राफी हुई है। किसी भी प्रश्न पत्र को सेंटर में नही खोला गया है। समिति द्वारा यह भी पाया गया कि सभी अभ्यर्थियों को सभी पदाधिकारियों द्वारा बार बार समझाने का प्रयास किया गया और परीक्षा में भाग लेने का अनुरोध किया गया किन्तु अभ्यर्थियों के मध्य यह अफवाह थी कि यदि वे सभी लोग परीक्षा में भाग नही लेंगे तो परीक्षा रद्द हो जाएगी। जिलाधिकारी द्वारा स्थल पर पहुंच कर सभी मामलों की जांच कराने एवं नियमानुसार अतिरिक्त समय देने का आश्वासन दिया गया किन्तु परीक्षार्थियों द्वारा परीक्षा में भाग लेने से इंकार किया गया। इस मामले में किसी प्रकार का बल प्रयोग प्रशासन द्वारा नही किया गया तथा 2 बजे के बाद ही परीक्षार्थियों को सेंटर छोड़ कर जाने की अनुमति दी गई। सम्पूर्ण मामलें में कुछ परीक्षार्थियों द्वारा अफवाह फैलाकर यह भ्रम पैदा किया गया कि इस प्रकार परीक्षा में भाग न लेने से परीक्षा रद्द हो जाएगी। प्रशासनिक पदाधिकारियों के समझाने के पश्चात भी परीक्षार्थी स्वेच्छा से परीक्षा में भाग नही ले रहे थे। ऐसे में अफवाह फैलाने के लिए परीक्षार्थियों को चिन्हित कर कानूनी कार्रवाई की अनुशंसा समिति द्वारा की गई है। ऐसे में अब सबकी निगाह जांच रिपोर्ट के आलोक में बीपीएससी द्वारा की जाने वाली आगे की कार्रवाई पर टिकी है।

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