महंत ब्रजेश मुनी बोले-जच सुख है सत्संग में वह बैकुंठ न होय –
आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 01 अप्रैल 2022 : पटना : कबीरपंथी आश्रम मीठापुर के कबीर साईं मंदिर में आयोजित गुरुवारीय सत्संग में विधि शाखा में स्नोतकोत्तर उपाधि प्राप्त होने पर सद्गुरु कबीर साई के दरबार में आशीर्वाद के लिए पधारे सायन कुणाल ने कहा सत्संग हमें चरित्रवान बनने की प्रेरणा देता है सत्संग से ही आपसी सद्भाव और समझदारी की चेतना जागृत होती है ।इस भाव का उपदेश सद्गुरु कबीर और साईं नाथ ने दिया महंत ब्रजेश मुनि ने कहा सदगुरु कबीर साहेब ने सत्संग की महिमा को सबसे बढ़कर माना है ।इस संबंध में उनकी प्रकट वाणी है जो सुख है सत्संग में वह बैकुंठ न होय ऐसा कहकर सद्गुरु कबीर ने सत्य से संग करने की प्रेरणा दी और कहा सत्य का आश्रय लेकर जीवन में उन्नति करो सत्य से ही संग हो जाना ही सत्संग है ।जीवन मे तीन ही गुण हैं सतोगुण, रजोगुण और तमोगुण। सतोगुणी मनुष्य गुण को महत्व देता है । रजोगुण रूप को महत्व देता है और तमोगुण काम को अर्थात स्वार्थ साधने को महत्व देता है । यह संसार रजोगुण और तमोगुण की अधिकता से ही प्राप्त है। सतोगुण को जीवन में धारण करने से हमें दूसरे के गुणों के प्रति उदारता का भाव आता है। हम दूसरे की गुणों की प्रशंसा करते हैं। इस अवसर पर आश्रम के संत विवेक मुनि, संत करसन मुनि संत महेश मुनी आदि उपस्थित गोविंद देव रामदेव गुप्ता रूबी देवी उमा देवी आदि ने सद्गुरु कबीर साहेब के भजनों से वातावरण को भक्तिमय बनाया।