नोखा विधानसभा सीट पर राजद ने बड़ी जीत दर्ज कर ली है. वहीं, दूसरी ओर जनता दल यूनाइटेड के नागेंद्र चंद्रवंशी को 17672 वोटों से हराया है ।

नोखा। नोखा विधानसभा सीट राष्ट्रीय जनता दल के लिए खुशखबरी लेकर आई है. राजद की उम्मीदवार अनिता देवी ने 17672 के बड़े अंतर से अपने नजदीकी प्रतिद्विंदी जदयू के नागेंद्र चंद्रवंशी को हराया. हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब अनिता देवी इस सीट को अपने पाले में लाने में सफल हुईं हैं । इससे पहले भी उन्होंने 2015 चुनाव में 22 हजार से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की थी.बिहार के इस इलाके को कभी सबसे अधिक राइस मिल होने का गौरव प्राप्त था लेकिन अब वह स्थिति नहीं रही । सरकारी उदासीनता के कारण धीरे-धीरे नोखा के 70% से अधिक राइस मिल बंद हो गए या फिर जो चल रहे हैं उसकी स्थिति काफी दयनीय हो गए. इन राइस मिलों से हजारों लोगों को रोजगार मिलता था । राइस मिलों के बंद होने से ज्यादातर मजदूर या तो कृषि कार्य में मजदूरी करने लगे या फिर दूसरे प्रांतों में पलायन कर गए. जो इस विधानसभा क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या है ।

किसकी रही धाक

नोखा विधानसभा के परिदृश्य की बात करें तो 1951 में कांग्रेस के रघुनाथ प्रसाद साह नोखा के पहले विधायक बने. गुठली सिंह तथा जंगी सिंह चौधरी को दो-दो बार इस इलाके से विधायक बनने का मौका मिला. वही भाजपा नेता रामेश्वर चौरसिया ने 4 बार इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया. सन 2000 से लेकर 2015 तक वह लगातार नोखा के विधायक रहे । वर्तमान में यह सीट राजद के कब्जे में है । अनीता देवी की बात करें तो वो बिहार सरकार के पूर्व मंत्री रहे स्व.जंगी चौधरी की पुत्रवधू तथा मंत्री स्व.आनंद मोहन सिंह की पत्नी है, 2015 में राजद-जदयू गठबंधन से पेशे से शिक्षिका अनीता देवी ने जब भाजपा के रामेश्वर चौरसिया को 22998 मतों से पराजित किया तो नीतीश कुमार की सरकार में उन्हें पर्यटन मंत्री बनाया गया था ।

वोटरों की संख्या

अनीता देवी को राजनीति विरासत में मिली है. उनके ससुर जंगी चौधरी तथा पति आनंद मोहन सिंह भी 1995 में विधायक चुने गए थे । दोनों को लालू प्रसाद की सरकार में मंत्री बनने का मौका मिला था ।

आंकड़ों की बात करें तो नोखा विधान सभा क्षेत्र कि जहां आबादी 521592 है. जिसमें 263215 पुरुष तथा 258381 महिलाओं की संख्या है । अगर मतदाता की बात करें तो कुल मतदाता की संख्या 286176 है । जिसमें से पुरुष मतदाता की संख्या 150162 तथा महिला मतदाता की संख्या 136002 है. वही थर्ड जेंडर की संख्या भी 12 हैं ।

कान्ति देवी भी लड़ चुकी हैं चुनाव

पिछले दो विधानसभा चुनावों की बात करें तो वर्ष 2010 में भाजपा के रामेश्वर चौरसिया ने राजद की नेता तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री कांति सिंह को 11723 मतों से पराजित किया था । वर्ष 2010 के चुनाव में रामेश्वर चौरसिया को 39020 मत मिले थे तो वहीं कांति सिंह को 27297 मतों से ही संतोष करना पड़ा था लेकिन वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव में पासा पलट गया । राजद ने इस बार पूर्व मंत्री स्व. जंगी सिंह चौधरी के पुत्रवधू अनीता देवी को चुनाव मैदान में उतारा । चुकी अनीता देवी के पति पूर्व मंत्री आनंद मोहन सिंह का निधन पटना में एक राजनीतिक कार्यक्रम के दौरान ही हो गया था ।उसके बाद राजद ने यह सीट आनंद मोहन सिंह की पत्नी अनीता देवी को दे दी । अनीता देवी ने रामेश्वर चौरसिया को 22998 मतों के अंतर से पराजित किया । अनीता देवी को 2015 के विधानसभा के चुनाव में 72780 मत मिले । वहीं रामेश्वर चौरसिया को मात्र 49783 मतों से ही संतोष करना पड़ा ।

जातिगत समीकरण में छिपा जीत का फार्मूला

चर्चा है कि इस बार भी यहां सीधा मुकाबला होना तय है। कई मूलभूत समस्याओं से जूझ रहा यह इलाका अंततोगत्वा चुनाव के समय पूरी तरह से जातिगत समीकरण में गोलबंद हो जाता है और विकास की योजनाएं दम तोड़ कर जाति के पीछे दौड़ने लगती हैं. जातिगत समीकरण में जिसका आकड़ा फिट बैठेगा? जीत उसकी तय होगी ।

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