यूपी के पंचायत प्रतिनिधियों को बिहार सा अधिक भत्ता
आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 16 दिसंबर 2021 : उत्तर प्रदेश : बिहार में त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं के साथ ग्राम कचहरी के निर्वाचित प्रतिनिधियों के लिए पडोसी राज्य उत्तर प्रदेश में अधिक सुविधाए मिलती है।यूपी मे चुनाव के पहले पंचायत निकायों के प्रतिनिधियों के लिए सुविधा बढाने की घोषणा हुई है। ।जाने बिहार और यूपी की सुविधायें-बिहार में पंचायतीराज विभाग ने मासिक भत्ते का निर्धारण किया है। बिहार में पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल खत्म हो गया था, लेकिन उन्हें पंचायत परामर्शी समितियों में समायोजित कर सरकार ने अगले चुनाव तक उनकी भूमिका और सुविधायें बरकरार रखी । 11 चरणों में सभी 8 हजार से अधिक पंचायतों के चुनाव खत्म होने के साथ पंचायत परामर्शी समिति का भी वजूद खत्म हो गया है। बिहार में त्रि स्तरीय पंचायती राज व्यवस्था के निवर्तमान पंचायत प्रतिनिधियों को नवम्बर तक भत्ता मिलने की उम्मीद है।
बिहार : पद और निर्धारित मासिक भत्ता
जिला परिषद अध्यक्ष- 12,000 रुपये जिप उपाध्यक्ष – 10,000 रुपयेप्रमुख – 10,000 रुपयेउप प्रमुख- 5,000 रुपयेमुखिया – 2,500 रुपयेउप मुखिया – 1,200 रुपयेसरपंच – 2,500 रुपयेउप सरपंच- 1,200 रुपयेजिला परिषद सदस्य – 2,500 रुपयेपंचायत समिति सदस्य- 1,000 रुपयेग्राम पंचायत सदस्य – 500 रुपयेग्राम कचहरी पंच – 500 रुपये
यूपी: किसका कितना बढ़ा मानदेय
ग्राम प्रधान रु. 3500 से बढ़ाकर रु. 5,000 प्रति माहप्रमुख क्षेत्र पंचायत- रु. 9,800 से बढ़ाकर रु. 11,300 प्रति माहअध्यक्ष, जिला पंचायत रु. 14,000 से बढ़ाकर रु. 15,500 प्रति माह।जिला पंचायत सदस्य का रु. 1000 प्रति बैठक से बढ़ाकर रु.1500 प्रति बैठक साल में – अधिकतम 6 बैठकक्षेत्र पंचायत सदस्य का रु.500 प्रति बैठक से बढ़ाकर रू. 1000 प्रति बैठक साल में – अधिकतम 6 बैठकसदस्य, ग्राम पंचायत का पहले कोई मानदेय नहीं था। अब रु. 100 प्रति बैठक का प्राविधान किया गया है साल में अधिकतम 12 बैठक।