यूपी सरकार में मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति,मामले में कोर्ट ने चार आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया।
रोहतास दर्शन न्यूज़ नेटवर्क : 12 नवम्बर 2021 : लखनऊ । लखनऊ की स्पेशल कोर्ट ने आज चित्रकूट में सामूहिक दुष्कर्म मामले में सपा की यूपी सरकार में मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति कोआजीवन कारावास की सजा सुनाई है। उन पर 2 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। कोर्ट ने मामले के दो अन्य आरोपियों आशीष शुक्ला और अशोक तिवारी को भी उम्रकैद की सजा सुनाई। गैंगरेप और पॉक्सो एक्ट के तहत एमपी-एमएलए कोर्ट ने तीनों आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। कुछ दिन पहले ही इस मामले पर फैसला देते हुए कोर्ट ने गायत्री प्रजापति समेत 3 लोगों को दोषी ठहराया था। वहीं इस मामले में कोर्ट ने चार आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया।
पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति 18 मार्च 2017 में गिरफ्तार हुए थे। इन पर चित्रकूट की महिला और उसकी नाबालिग बेटी के साथ सामूहिक दुष्कर्म के आरोप में गिरफ्तार हुए थे। जब उनके खिलाफ केस दर्ज हुआ था, उस वक्त वे यूपी की अखिलेश सरकार में परिवहन मंत्री थे। इससे पहले वे प्रदेश सरकार में खनन मंत्री थे, जिसमें करोड़ों के घोटाले के आरोप में उनके घर और परिसरों पर सीबीआई ने छापेमारी की थी।
चित्रकूट की एक महिला ने 18 फरवरी, 2017 को लखनऊ के गौतम पल्ली थाने में उनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। महिला का आरोप था खनन का काम दिलवाने के नाम पर गायत्री प्रजापति समेत बाकी आरोपियों ने महिला को लखनऊ बुलाया। इसके बाद कई जगहों पर उसके साथ दुष्कर्म किया। वहीं उसकी नाबालिग बेटी के साथ भी दुष्कर्म का प्रयास किया गया। मंत्री के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने में भी काफी मुश्किलें आईं, तो सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दाखिल की गई। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 18 फरवरी, 2017 को लखनऊ के गौतम पल्ली थाने में गायत्री प्रजापति समेत बाकी आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई।