संत पाॅल स्कूल के विद्यार्थियों ने नगर थाना का किया भ्रमण|
सासाराम, 31 दिसम्बर। शैक्षणिक परियोजना परिभ्रमण के अंतर्गत गुरूवार को संत पाॅल स्कूल के नौवीं एवं दसवीं कक्षा के विद्यार्थियों ने स्थानीय नगर थाना में उपस्थित होकर पुलिस के कार्य प्रणाली एवं कार्रवाई पर जानकारी हासिल किया। पुलिस के प्रति सकारात्मक विचार बनाने हेतु विद्यार्थियों ने नगर थाना के अध्यक्ष कामख्या नारायण सिंह से रू – ब – रू होकर समाज में बढ़ते अपराध, अनुसंधान और उसकी रोकथाम के साथ जनता के बीच सुरक्षा बहाल करने से संबंधित कई प्रश्नों को किया। जिसका बारी – बारी से जवाब थानाध्यक्ष कामख्या नारायण सिंह ने विद्यार्थियों को देकर संतुष्ट किया। साथ ही विद्यार्थियों ने पुलिस, क्राइम, ट्रैफिक रूल्स, नशा मुक्ति अभियान में पुलिस की अहम भूमिका से संबंधित प्रश्नों का जवाब जानकर पुलिस फ्रैंडली विहैव अपनाने पर बल दिया।
दसवीं कक्षा का छात्र अमित ने एफ आई आर और नवम कक्षा का छात्र सत्यम राज ने थानाध्यक्ष से वारंट, हाजत, जेल मैनुअल पर कई प्रश्नों का उत्तर जानना चाहा। जिसपर थानाध्यक्ष ने विस्तारपूर्वक चर्चा करते हुए बताया कि पुलिस भारत के संविधान के अनुसार अपराधी को बिना वारंट के भी गिरफ्तार कर 24 घंटे के अंदर कोर्ट में प्रस्तुत कर सकती है। कुछ अपराधों में बिना वारंट की भी गिरफ्तार कर सकती है। कक्षा नवीं का छात्र अमन कुमार ने बेल, पुलिस यूनिफॉर्म और रैंक प्राप्त करने पर मिलने वाली स्टार से संबंधित प्रश्न किया। बिहार पुलिस में सिपाही, हवलदार, असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर, इंस्पेक्टर, पुलिस उपाधिक्षक, पुलिस अधीक्षक, डीआइजी, इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (आईजी ), एडीजीपी, डीजीपी के कर्तव्यों के बारे में भी कुरेदा। जिसपर थानाध्यक्ष ने बताया कि राज्य में डीजीपी के अंडर में सभी पुलिसकर्मियों एवं थानों का संचालन किया जाता है। थानाध्यक्ष ने लोगों द्वारा किये जानेवाले एफआईआर पर भी चर्चा विद्यार्थियों से किया। उन्होंने कहा कि कुल 511धाराओं में कुछ हल्के अपराधों को बेलेबल और गंभीर अपराधों को नन बेलेबल केस में दर्ज किया जाता है।
बेलेबल केस में पुलिस द्वारा थाने से बेल देकर अपराधी को छोड़ दिया जाता है। कुछ विद्यार्थियों ने एनकाउन्टर से संबंधित प्रश्न भी किया। जिसपर थानाध्यक्ष ने कहा कि पुलिस को किसी को गोली मारने का अधिकार नहीं है। पुलिस पर अपराधी द्वारा जब फायरिंग कर हमला किया जाता है तब पुलिस स्वयं की बचाव में गोली चलाकर अपराधी को पकड़ने की कोशिश करती है। फोरेंसिक जांच से संबंधित भी कुछ विद्यार्थियों ने पुलिस के समक्ष प्रश्न किया। थानाध्यक्ष ने यह भी बताया कि जहाँ कोई कम्पलेन करने वाला नहीं होता है वहाँ पुलिस खुद कम्पलेन दर्ज कर जांच करती है। शराब बंदी के बावजूद अगर कोई व्यक्ति शराब पीकर किसी तरह की गड़बड़ी या उत्पात करता है तो ब्रेथ एनलार्जल मशीन से जाँच कर पुलिस रिपोर्ट तैयार करती है। किसी भी तरह का एफआईआर पाँच काॅपी में तैयार किया जाता है। काॅपी क्रमशः मूल काॅपी न्यायालय में, कार्बन काॅपी आरक्षी अधीक्षक, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, पुलिस इंस्पेक्टर एवं पाँचवी काॅपी थाना में ऑफिस काॅपी के रूप में रखा जाता है।
थानाध्यक्ष ने विद्यार्थियों को बताया कि आपलोगों से इन बातों का चर्चा करने का उद्देश्य भारतीय संविधान की गरिमा, ट्रैफिक रूल का पालन करना, भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी बातों को समाज में फैलाने के साथ पुलिस को मदद करने में योगदान देना कारगर होगा। थानाध्यक्ष ने विद्यालय के चेयरमैन डॉ एस पी वर्मा, प्रबंधक रोहित वर्मा, प्राचार्या आराधना वर्मा के अलावा शिक्षक- शिक्षिकाओं और विद्यार्थियों की सराहना कर समाज में इन बातों को फैलाने पर बल दिया। जिससे लोगों को पुलिस से खौफ खत्म हो और पुख्ता सुरक्षा बहाल करने में पुलिस को मदद मिल सके।