तिलौथू उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में अंतरिक्ष प्रयोगशाला के उद्घाटन के मौके पर पहुंचे थे डीएम। प्रशिक्षक वैज्ञानिकों ने ड्रोन उड़ाकर व टेलिस्कोप का प्रयोग दिखाया। कार्यक्रम में डीडीसी, डीईओ, डीपीओ, नगर निगम आयुक्त सहित पहुंचे कई अधिकारी। बच्चों ने प्रस्तुत किया सांस्कृतिक कार्यक्रम।

आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 14 अक्टूबर 2023 : तिलौथू /रोहतास : तिलौथू में अब अन्य प्रखंड के बच्चे भी आकर खगोलीय विद्या का ज्ञान सीखेंगे तथा साइंस टेक्नोलॉजी की पढ़ाई करेंगे। आप सब जो मेरे पार्टनर हैं वो लोग जो यहां के बच्चे हैं उनको इतना प्रशिक्षित करें की जो दूसरे विद्यालय के बच्चे यहां आएंगे उनको गाइड करें तथा उनको बताएं । जिले में कोई खगोलीय विद्या की पढ़ाई के लिए किसी तरह का कोई प्लेटफॉर्म नहीं था लेकिन तिलौथू में स्पेस लैब के उद्घाटन से यहां के बच्चे बहुत कुछ सीखेंगे । बिहार ऐसा पहला केंद्र है जहां पर खगोल की विद्या पूर्व से ही दी जाती है। बिहार में पटना के बगल में दानापुर के पास जो खगौल है, वहां लोग खगोलीय विद्या पढ़ने के लिए जाते थे। उसी तरह से बिहार में तरेगना में किसी भी तरह का खगोलीय इवेंट होता है तो वहां हम लोग उसे देखने के लिए जाते हैं. पूरे जिला के बच्चे अब तिलौथू उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में आएंगे और यहां के अंतरिक्ष प्रयोगशाला में जो स्पेस लैब के नाम दिया गया है इसमें साइंस टेक्नोलॉजी व अंतरिक्ष विद्या इत्यादि की पढ़ाई करेंगे। आज हम सब साइंस टेक्नोलॉजी में अमेरिका और रूस को भी पीछे छोड़ चुके हैं. जिसका ताजा उदाहरण अभी हाल में आप लोगों को देखने को मिला है चंद्रयान के रूप में. मैं चाहूंगा कि यहां के बच्चे एक अच्छा साइंटिस्ट बनें. पहले घर में मां स्वेटर बनाती थी फिर मशीन का उपयोग किया गया और आज अब ऐसा प्रोग्रामिंग तैयार किया जाता है की बटन दबाते ही सब कुछ प्रिंट होकर बाहर आ जाता है. हमें यह बताना होगा कि इसका मूल सिद्धांत क्या है। यह कैसे बनता है. इसका प्रयोग कैसे होता है. हम इन्हीं बच्चों में से किसी को गाइड करेंगे और उनको वैसा बनाएंगे कि वो दूसरे बच्चों को भी गाइड करें. हम बचपन से ये सोचते हैं कि सूर्य क्या है, चंद्रमा क्या है आकाश और ये तारे क्या है इसे जानने की जिज्ञासा रहती है तो इसकी जानकारी बच्चों को अब मिलेगी.मेरा प्रयास होगा कि जिले के सभी अनुमंडल में एक विद्यालय का चयन कर ऐसा स्पेस लैब को खोला जाए ताकि बच्चे साइंस की पढ़ाई में निपुण हो सके. उक्त बातें तिलौथू के उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में स्पेस लैब के उद्घाटन के मौके पर पहुंचे डीएम नवीन कुमार ने कही.

डीएम नवीन कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि यहां पर ग्लोबल अंतरिक्ष का एक मॉडल लैब के रूप में स्थापित करने के लिए विद्यालय प्रबंधन को धन्यवाद देता हूं. अभी यह रोहतास जिले का पहला मॉडल लैब है मेरा प्रयास होगा की कम से कम हर अनुमंडल में इस तरह का एक-एक लैब हो. जहां पर अन्य प्रखंडों के बच्चे आकर खगोलीय गतिविधियों का अध्ययन कर सकें. इसके अलावा रोबोटिक माध्यम से काम होता है या कोई मशीन बनाना हो या प्रिंटिंग करना हो वह ये सब कैसे कर देते हैं इन जिज्ञासा भरी चीजों को भी पढ़ाया जाए वहीं डीडीसी शेखर आनंद ने कहा कि चेंजिंग टेक्नोलॉजी और जो भी नई टेक्नोलॉजी जो अभी दुनिया में आने वाले हैं या आ चुके हैं उनका एक एक्सपोजर यहां देखने को मिले ऐसी व्यवस्था यहां करनी है. मशीन किस दृष्टि से काम कर रहा है क्यों काम कर रहा है इस चीज की ललक लालसा छात्रों के अंदर हो इन चीजों को भी फॉर्मल एजुकेशन में शामिल करना आज के समय में आवश्यक है.एक बेस्ट साइंटिफिक एजुकेशन सिस्टम का मतलब कम समय में काफी अच्छा आउटपुट देना होता है जिसे कम उम्र से बताना अब जरूरी हो गया है.

कार्यक्रम में जिला शिक्षा पदाधिकारी व जिला प्रोग्राम पदाधिकारी ने भी संबोधित किया. जिलाधिकारी समेत अन्य अधिकारियों का अभिवादन प्रभारी प्रधानाचार्य मैकू राम ने की. स्कूल की छात्राओं ने स्वागतम स्वागतम गीत गाकर अतिथियों का स्वागत किया. डीएम व अन्य अधिकारियों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया. रिसर्चर पूजा कुमारी को अधिकारियों ने इस स्पेस लैब के निर्माण में बेहतर योगदान के लिए सराहना की. इस मौके कर एसडीएम अनिल कुमार सिन्हा, बीडीओ संजय कुमार समेत जिले के सभी सरकारी विद्यालय के प्रधानाध्यापक व शिक्षक भी मौजूद थे.

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