आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 06 फरवरी 2024 : पटना : प्राइवेट स्कूल्स एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सैयद शमायल अहमद बिहार सरकार के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी से मिल कर उन्हें एसोसिएशन के तरफ से शुभकामनाएं दिया। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने बिहार सरकार के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी को पुषगुछ भेंट कर सूबे के निजी विद्यालयों के तरफ से शुभकामनाएं दिया और निजी विद्यालयों के समस्याओ के निदान हेतु उनके कार्यालय में विस्तृत चर्चा हेतु सुझाव दिया जिस पर शिक्षा मंत्री ने बिहार विधानसभा के फ्लोर टेस्ट के उपरांत 12 फरवरी 2024 के उपरांत का समय मुकरर किया।
शमायल अहमद ने पत्रकारों को बताया की बिहार राज्य जो पुरे भारत वर्ष में सबसे ज़्यादा IIT एवं IAS बनाने की मशीनरी जानी जाती रही है इसमें निजी विद्यालयों का अहम् योगदान है। ज़्यादातर IIT एवं IAS विद्यार्थियों का जुड़ाव निजी विद्यालयों से ही रहता है क्यों की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा निजी विद्यालयों में ही उपलब्ध है।
शमायल अहमद ने बताया की सूबे में निजी विद्यालय संचालक बिहार सरकार के शिक्षा विभाग के द्वारा रोज़ दर रोज़ नए नए फरमानों से परशान हो चुके है। आज भी सूबे के ज्यादातर निजी विद्यालयों को QR कोड अप्राप्त है। जिस वजह से वैसे विद्यालय जो पूर्व में प्रस्वीकृति प्राप्त विद्यालयों की श्रेणी में आते थे वे बिना किसी कारण अप्रस्वीकृत विद्यालयों की श्रेणी में आ गए है और इस वजह से उनका टी सी अमान्य हो गया है और साथ में शिक्षा के अधिकार के तहत पढ़ने के लिए वे अब किसी विद्यार्थी का नामांकन भी नहीं ले सकते है। यह एक अजीबोगरीब स्थिति में निजी विद्यालय संचालक पड़ गए है जिसका हल न तो बिहार के 38 जिला के शिक्षा विभाग के पास है और न ही किसी निजी विद्यालय संचालको के पास है। हालांकि QR कोड निर्गत करने हेतु अनेको आदेश सूबे के शिक्षा विभाग के शिक्षा निर्देशक के द्वारा पारित किया गया है परन्तु अनेको जिलों में शिक्षा भाग इस बिंदु पर अपने कछुए की गति से भी धीमे चाल चल रहा है जिसके फलस्वरूप निजी विद्यालय संचालको को अब यह दर सता रहा है की कही यह सोंची समझी साजिश तो नहीं है ? क्यों की अचानक से बिना किसी कारण के उनके विद्यालय को प्रस्वीकृति प्राप्त विद्यालय से अप्रस्वीकृत विद्यालय में श्रेणी में ला कर खड़ा कर देना और फिर QR कोड निर्गत करने में कोताही बरतना समझ से परे है।
शमायल अहमद ने बताया की निजी विद्यालयों को यु डाइस प्लस पोर्टल पर सभी विद्यार्थियों का डाटा साझा करना आवश्यक किया गया है परन्तु यु डाइस प्लस पोर्टल पर निजी विद्यालयों को नए नामांकित विद्यार्थी एवं वैसे विद्यार्थी जिन्होंने विद्यालय से टी सी ले लिया है उनका नाम हटाने की सुविधा मुहैया नहीं करवाई गयी है जिसके वजह से सभी निजी विद्यालयों में संशय की स्थिति बनी हुई है फलस्वरूप सूबे के सभी 38 जिलों के विद्यालयों के द्वारा भरे गए डाटा सही नहीं कहे जा सकते है। निजी विद्यालय संचालको को सबसे बड़ा डर यह सता रहा है की विभाग के यु डाइस प्लस पोर्टल पर विद्यार्थियों को जोड़ने एवं हटाने की सुविधा जब निजी विद्यालयों के पास नहीं है तो जांच के क्रम में शिक्षा विभाग के द्वारा सारा ठिकड़ा निजी विद्यालयों के ऊपर फूटेगा।
शमायल अहमद ने बताया की बिहार सरकार के शिक्षा विभाग के पास कार्यों की कमी नहीं है सभी अधिकारी हमेशा व्यस्त रहते है परन्तु उनकी व्यस्तता का खामयाजा निजी विद्यालय संचालको को भरना पड़े तो ऐसी स्थिति के पूर्व ही उपरोक्त परेशानियों को शिक्षा विभाग के द्वारा जल्द से जल्द निवारण हेतु अग्रसर होने चाहिए।