सिख तीर्थ रूप में भी विकसित होगा कबीर पीठ फतुहां -अवतार सिंह
आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 28 जून 2022 : फतुहा : फतुहा के आचार्य गद्दी कबीर पीठ में तीन दिवसीय कबीर महोत्सव सांप्रदायिक सौहार्द मेला का मंगलवार को आगाज हुआ। प्रातःकाल में मठ के संरक्षक महंत ब्रजेश मुनि,महंत योगानंद साहेब,संत विवेक मुनि,महंत सत सरूप दास,महंत किशोर दास द्वारा प्रस्तुत बीजक पाठ हवन से समारोह का शुभारंभ हुआ।अपराह्न में तख्त हरिमन्दिर साहिब के ग्रंथी त्रिलोक सिंह निषाद के साथ परमजीत सिंह, नितीश सिंह अवतार सिंह, राजेन्द्र सिंह द्वारा अरदास की समवेत प्रस्तुति की गई। अवतार सिंह ने कहा यहाँ गुरु नानक देव के चरण पड़े है। इसे सिख तीर्थ रूप में विकसित करने में हर सम्भव सहयोग करूँगा।
इस अवसर पर अपने संबोधन में उपमुख्यमंत्री रेणु देवी ने कहा कि सद्गुरु कबीर साहिब हिन्दू मुस्लिम सभी को मानवता उपदेश दिये। उन्होंने समाज मे व्याप्त अन्ध विश्वास, छुआ छूत, आडम्बर, ऊँच नीच भेद भाव को मिटाकर समरस समाज के निर्माण का मार्ग दिखाया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उप मुख्यमंत्री रेणु देवी ने कहा कि सभी समाज के बेहतरी के लिए राज्य में काम हो रहा है। कबीर साम्प्रदायिक सौहाद के मिशाल रहे है। उन्होंने कहा कि सद्गुरु कबीर साहिब हिन्दू मुस्लिम सभी को मानवता का उपदेश दिये। उन्होंने समाज मे व्याप्त अन्ध विश्वास, छुआ छूत, आंडम्बर, ऊँच नीच के भेद भाव को मिटाकर समरस समाज के निर्माण का मार्ग दिखाया।
उन्होंने कहा कि कबीर दास जी जैसे महान संतों की कृपा से ही अभी देश में सांप्रदायिक सद्भाव का स्वर्णकाल चल रहा है। पीएम मोदी और सीएम नीतीश कुमार द्वारा न तो किसी के साथ भेदभाव और न ही किसी का तुष्टिकरण किया जा रहा है। सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कुछ पूर्व नियोजित घटनाएं अवश्य हुई हैं, लेकिन उस पर संबंधित सरकार द्वारा कड़ी कार्रवाई की जा रही है। इन पूर्व नियोजित घटनाओं का उद्देश्य भारत की छवि को खराब करना रहा है। बिना किसी भेदभाव के योजनाओं का लाभ सभी लोगों तक पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार का नारा है सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास।
रेणु देवी ने कहा कि कबीरदास जी का जीवन ही साम्प्रदायिक सौहार्द का उत्तम उदाहरण है। मान्यता है कि उनका जन्म हिंदू परिवार में हुआ और पालन नीरू नाम के जुलाहे के यहां हुआ। कबीरदास जी को हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों में बराबर का सम्मान प्राप्त था। यही कारण था कि उनकी मृत्यु के बाद उनके शव के अंतिम संस्कार को लेकर दोनों समुदायों में विवाद हो गया। इस विवाद में जब उनके शव से चादर हटी तो वहां फूलों का ढेर था। दोनों संप्रदाय के लोगों ने आधा आधा फूल लेकर अपने तरीके से उनका अंतिम संस्कार किया। कबीरदास जी का जीवन-दर्शन सामाजिक न्याय, धर्मनिरपेक्षता और मानव धर्म पर आधारित था। उन्होंने आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर सदगुरु कबीर महोत्सव-सह-सांप्रदायिक सौहार्द मेला आयोजित करने के लिए महंत ब्रजेश मुनि जी समेत आयोजकों को साधुवाद दिया तथा आशा व्यक्त कि ऐसे आयोजनों से देश में सांप्रदायिक सौहार्द बढ़ने में मदद मिलेगी।विशिष्ट अतिथि राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामसूरत राय ने कहा आज समाज में साम्प्रदायिक सद्भाव और जाति धर्म के भेद भाव से ऊपर उठकर समरस समाज के निर्माण में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने की जरूरत है। कबीर मठ फतुहा इस दिशा में अग्रणी भूमिका निभाते हुए साम्प्रदायिक सौहार्द मेला का आयोजन किया है। साम्प्रदायिक सौहार्द मेला से आपसी सौहार्द बढ़ेगा
बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद सदस्य एवं विधायक रत्नेश सदा, पूर्व विधायक सतीश कुमार, राजकुमार यादव, बिरजू यादव, गुरुद्वारा के पूर्व अध्यक्ष महेन्द्रपाल सिंह ढिल्लन,आनंद मोहन झा, वरिष्ठ पत्रकार अरुण कुमार पाण्डेय ने समारोह को संबोधित किया।इससे पूर्व महंत ब्रजेश मुनि ने आगत अतिथियों को अंगवस्त्र एवं पुष्पगुच्छ प्रदान कर स्वागत किया।
