राहगीरों समेत छात्र व युवक को बना रहे शिकार
अधिकारी सुस्त , कारोबारी मस्त
आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 18 जनवरी 2022 : बिक्रमगंज(रोहतास)। रोहतास जिले का बिक्रमगंज जिले का सबसे बड़ा अनुमंडल होने का दर्जा प्राप्त है । यहां विभिन्न कार्यों से नित दिन लोग पहुंचते है । इसके अलावा स्कूल , कालेज एवं कोचिंग में पढ़ाई करने के लिए पूरे दिन बड़ी संख्या में छात्रों का आना जाना लगा रहता है । बावजूद यह गिरोह दिन के उजाले में लोगो को अपना शिकार बनाकर लूट लेते है । इस गिरोह की संख्या दर्जनों ने होता है । यह गिरोह मुख्य रूप से अनुमंडल कार्यालय के गेट से लेकर पानी टंकी के आसपास तीन एस्टाईगर की गोटियों पर हाथ की थिरकती उंगलियां अपना करतब दिखाती है और लूट के इस खेल में लोगो के पाकिट खाली हो जाता है ।
मजेदार बात यह है कि लूटे गए रकम का बटवारा गिरोह के सदस्य अनुमंडल कार्यालय के आस पास ही करते है । फिर भी इनके गिरेबान तक किसी भी पदाधिकारी की हाथ नहीं पहुंच पाती है । बताया जाता है कि यह खेल दशकों से चिन्हित स्थलों पर दिन के उजाले में खुलेआम होते आ रहा है । इस बीच कई अधिकारी आए और गए यहां तक कि लग्जरी वाहनों में सवार अधिकारी भी पूरे दिन इस सड़क मार्ग से आते जाते रहते है । फिर भी पता नहीं आम लोगो की तरह इनकी नजर कैसे नहीं आजतक इस गोरख धंधे पर पड़ती है । जो यह सवाल सबको हैरान कर देती है , या फिर लक्ष्मी के माया में कुछ देखना या सुनना ही पसंद नहीं करते । ऐसा भी नहीं की इस खेल की खबर मीडिया में नहीं आया । बल्कि समय – समय पर विभिन्न समाचार पत्रों में उजागर भी होते रहे है । बताया जाता है कि इस गिरोह में शामिल सदस्यों की अलग – अलग जिम्मेवारी सौंपी गयी है । कोई दाव लगाकर लोगों को अपने आगोश में लेता है तो कोई निगरानी करता है । लेकिन शहर में दशकों से चल रहे इस खेल का सरगना या संरक्षणदाता को आज तक पुलिस अपने गिरफ्त में नहीं ले पाई है ।
बहरहाल शहर में आये दिन राहगीर समेत छात्र नौजवान युवक आदि वर्ग इनको हाथो खुलेआम लूट का शिकार होते जा रहे है । बावजूद स्थानीय समेत अनुमंडल पुलिस प्रशासन मूकदर्शक बन तमाशबीन नजर आते दिख रही है । हालांकि अधिकारियों की उदासीनता,लापरवाही एवं अर्थलोलुप्ता के कारण लगातार गिरती शहर के विधि व्यवस्था से लोगों में नाराजगी बढ़ती जा रही है तथा लोग दहशतगर्दी के शिकार होते जा रहे है । भ्रष्टाचार भी चरम सीमा पर पहुंचते जा रहा है । रिश्वतखोरी बंद होने का नाम नहीं ले रहा है । हर जगह दलालों की ही चांदी कट रही है और इन्हीं की अनुशंसा मायने रखने से निष्क्रिय व भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ आंदोलन करने के लिए स्थानीय लोग मुंड बनाने लगे है तथा बिक्रमगंज में तेजतर्रार अधिकारियो को पदस्थापित करने की मांग करने लगे है ।