रोहतास दर्शन न्यूज़ नेटवर्क : 16 नवम्बर 2021 : नोखा। कोरोना को लेकर लगभग 32 माह से आंगनबाड़ी केन्द्र पर पढ़ाई करने के लिए बच्चे नहीं जा रहे थे। लेकिन, सोमवार को जैसे ही आंगनबाड़ी केन्द्र खुलने की जानकारी बच्चों को मिली, उत्साहित होकर केन्द्र पर पहुंचे। कई बच्चों की मां भी उन्हें छोड़ने को लेकर आंगनबाड़ी केन्द्र पहुंची थी। सेविका पढ़ाने में तो सहायिका बच्चों के भोजन के प्रबंध में व्यस्त दिखीं। शहर व ग्रामीण इलाकों के केन्द्रों पर बच्चे आए हुए थे। बच्चे अपने मुहल्ले के सहपाठियों से काफी दिन बाद मुलाकात होने पर काफी खुश थे।आंगनबाड़ी केन्द्रों पर पोषाहार का वितरण किया गया। गर्भवती व धातृ महिलाओं के बीच चावल, दाल, सोयाबीन का वितरण किया गया। अतिकुपोषित बच्चों को भी राशन उपलब्ध कराया गया।प्रखंड की बाल विकास परियोजना पदाधिकारी आशा कुमारी ने बताया कि आंगनबाड़ी केन्द्र खुल रहा था। पोषाहार वितरण आदि कार्य हो रहे थे। लेकिन, कोरोना संक्रमण के बढ़े प्रभाव की वजह से मार्च 2019 से आंगनबाड़ी केन्द्रों पर बच्चों को आने की इजाजत नहीं थी। अब जब स्थिति समान्य हुई है तो आंगनबाड़ी केन्द्र पर बच्चे आए हैं। बच्चों में केन्द्र पर आने और पढ़ाई करने को लेकर खुशी दिख रही है।
उन्होंने बताया कि 32 माह से आंगनबाड़ी केन्द्र के बंद होने कुछ पुराने बच्चे स्कूलों में चले गए हैं। उनकी जगह नए बच्चों का नामांकन किया गया है। उन्होंने बताया कि प्रखंड के 185 केन्द्रों पर बच्चों की उपस्थिति रही है। शहर सहित ग्रामीण इलाकों के आंगनबाड़ी केन्द्र मानी,मुसहर टोला, वन नोखा आदि का निरीक्षण किया गया। केन्द्रों पर बच्चों की उपस्थिति ठीक दिखी। हर केंद्र पर आठ गर्भवती व आठ धातृ के बीच तीन किलो चावल, डेढ़ किलो दाल व ढाई सौ ग्राम सोयाबीन का वितरण किया गया है। हर केंद्र पर चार अतिकुपोषित बच्चों के बीच चार किलो चावल व दो किलो दाल बंटी है।