सामाजिक संगठन पैरवी की ओर से 10 दिसंबर को मानवाधिकार दिवस के अवसर पर एक सांस्कृतिक संवाद का आयोजन किया गया। जिसमें बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल सहित कई राज्यों के सामाजिक कार्यकर्ताओं ने शिरकत की। इस अवसर पर प्रतिभागियों ने कविता, कहानी, गीत, संगीत आदि के माध्यम से जन सरोकार के मुद्दों पर अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम में शामिल साथियों का स्वागत करते हुए दीनबंधु वत्स ने कहा कि मानवाधिकार दिवस लोगों को उनके अधिकार के प्रति जागरूक करने का दिन है। आज का दिन मानवाधिकार के प्रति हमारी खुद की प्रतिबद्धता को दुहराने और मजबूत करने का दिन है।कार्यक्रम की शुरूआत समवेत संस्था के विक्रम की ओर से किया गया। उन्होंने सद्भावना गीत गाया। समवेत की ओर से नेहा, मकसूदन, नसरीन ने अपनी प्रस्तुति की। जहावर ज्योति बाल विकास केंद्र के सुरेंद्र कुमार ने कहा कि इस साल मानवाधिकार दिवस का थीम फिर से बेहतर मानवाधिकारों के लिए खड़ा होना है और हम सबों को अपने अधिकारों के प्रति और अधिक सचेत व जागरूक रहने की जरूरत है। उनकी संस्था ओर से काजल राज, अर्चना कुमारी, केशव कुमार, किरण कमाल ने कविता पाठ किया। बंदी अधिकार आंदोलन के संतोष उपाध्याय ने बंदियों के अधिकार को समर्पित पांडेय बेचन शर्मा उग्र लिखित एक कविता का पाठ किया। बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के युवा साथी साक्षी गोपाल ने भी कविता पाठ किया। समग्र सेवा की ओर से कुमुद कुमारी ने मजदूरों के अधिकार को समर्पित गीत गाए। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में युवा साथियों ने भाग लिया और मानवाधिकार के प्रति लोगों को जागरूक करने का संकल्प लिया। कार्यक्रम में मकेश्वर रावत, सुभाष चंद्र दुबे, विजय कुमार चौरसिया, चुन्नू कुमार, मिथुन रॉय, शैलेंद्र तिवारी, रोहित बलोडिया, विकास अरोरा, रजनीश साहिल सहित कई लोगों में भाग लिया।

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