रोहतास दर्शन न्यूज़ नेटवर्क : 01 दिसंबर 2021 : बिक्रमगंज(रोहतास) : बुधवार को ग्राम डेढगांव में रेज्ड बेड सिस्टम के द्वारा गेहूं की बुवाई कृषि विज्ञान केंद्र के प्रधान रविंद्र कुमार जलज, मृदा वैज्ञानिक डॉ रामा कांत सिंह, तकनीकी सहायक वर्षा कुमारी, प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे रावे अंतर्गत कृषि महाविद्यालय के छात्र-छात्राएं की उपस्थिति में किसान चंपक सिंह एवं यशवंत सिंह के प्रक्षेत्र पर किया गया । इस प्रशिक्षण एवं क्षेत्र पर हो रहे बुवाई के समय किसानों को कृषि विज्ञान केंद्र के प्रधान रविंद्र कुमार जलज ने बताया की जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम के तहत रेज्ड बेड सिस्टम से गेहूं लगाने पर लगभग 50% पानी की बचत की जा सकती है । मृदा वैज्ञानिक डॉक्टर रामाकांत सिंह के अनुसार खरपतवार का प्रबंधन भी आसानी से किया जा सकता है । इस तकनीक से गेहूं की खेती करने पर लगभग 20 से 30% अधिक गेहूं का उत्पादन निश्चित रूप से किसानों को प्राप्त होता है । तकनीकी सहायक वर्षा कुमारी ने बताया कि इस विधि से बुवाई करने पर पोषक तत्वों की अवशोषण क्षमता बढ़ जाने से पैदावार में वृद्धि होती है और किसानों के लागत में कमी आती है । इस तकनीक से खेती करने के लिए खेत को लिए दो बार कल्टीवेटर से जुताई कर पाटा लगाते हुए भुरभुरी बना दिया जाता है । इसके उपरांत रेज्ड बेड मशीन के प्रयोग से गेहूं एवं खाद की बुवाई मेड़ के ऊपर कर दी जाती है । बुवाई के पश्चात 72 घंटो के अंदर पेंडीमैथलीन नामक दवा की 3.3 लीटर मात्रा 4 बीघे के क्षेत्र में इस्तेमाल किया जाता है । स्प्रे करते वक्त उल्टा चलते हुए छिड़काव कर देने से खरपतवार पर नियंत्रण पाया जा सकता है । इस अवसर पर डेढगांव के लगभग 50 किसानों ने भाग लिया एवं इस विधि को अपने गांव में लगते हुए देखा । किसानों में यशवंत सिंह, चंपत कुमार, कमलेश कुमार, मोहम्मद मुस्तफा, सुजल कुमार इत्यादि उपस्थित थे ।

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