रोहतास दर्शन न्यूज़ नेटवर्क : 05 सितम्बर 2021 : सासाराम : इस बार पंचायत सरकार बनाने के लिए मुखिया पद व वार्ड सदस्य पदों पर नामांकन के लिए उम्मीदवारों की जमकर भरमार लग रही है. कारण, उक्त दोनों पदों की कद व जिम्मेवारियां को प्रत्याशी बेखुबी समझ रहे  है, जिसको लेकर होड मची है. लेकिन, इस बार पंचायत सरकार की गठन में सरपंच का भी अहम रोल होगा. क्योंकि, सरपंच का कद बढ़ गया है, जो मुखिया को टक्कर दे सकता है. बतातें चलें कि पांच साल के लिए ग्राम सत्ता के गठन की कवायद शुरू हो चुकी है. मुखिया सहित छह पदों के लिए उम्मीदवार ताल ठोक रहे है. वहीं मुखिया व सरपंच पुराने व नए भागीदार अपनी ताल ठोक रहे हैं. लेकिन इस बार कई अधिकार व  जिम्मेदारियां बदल गई है. ग्राम सत्ता के दोनों प्रमुख पदों मुखिया व सरपंच के दायित्वों का नए सिरे से निर्धारण कर दिया गया है. पंचायत चुनाव से पहले पंचायती राज विभाग ने नए सिरे से मुखिया व सरपंच के दायित्वों का निर्धारण कर उनकी जिम्मेदारी तय करते हुए निर्देशित किया है कि अब नए नियम के मुताबिक मुखिया को जहां ग्राम सभा व पंचायतों की बैठक बुलाने का अधिकार होगा, वहीं इनके जिम्मे विकास योजनाओं के लिए मिलने वाली पंजी की निगरानी की भी जिम्मेवारी होगी. इसके साथ ही सरपंच के जिम्मे गांव में सड़कों के रख-रखाव से लेकर सिंचाई की व्यवस्था, पशुपालन व्यवसाय को बढ़ावा देने जैसे कार्य भी शामिल होंगे. पंचायती राज विभाग के अनुसार, इस बार चुनाव जीतने वाले मुखिया को अब अपने कार्य क्षेत्र में एक वर्ष में कम से कम चार बैठकें आयोजित करनी होंगी. बैठक के अलावा इनके पास ग्राम पंचायतों के विकास की कार्य योजना बनाने के साथ-साथ प्रस्तावों को लागू करने की जवाबदेही भी होगी. इसके अलावा ग्राम पंचायतों के लिए तय किए गए टैक्स, चंदे और अन्य शुल्क की वसूली के इंतजाम करना भी इनके जिम्मे होगा

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