आस्था : – बेहद प्राचीन है मां आस्कामिनी मंदिर, बिक्रमगंज व आसपास के क्षेत्र के लोगों के लिए है आस्था का केंद्र
आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 02 नवम्बर 2022 : बिक्रमगंज । रोहतास जिला के बिक्रमगंज में मां आस्कामिनी का मंदिर बेहद प्राचीन है । मां आस्कामनी मंदिर बिक्रमगंज के आसपास के लोगों के लिए आस्था का केंद्र है । यहां दूरदराज से श्रद्धालु पूजा-पाठ के लिए आते हैं । पूजा आरती के समय लोगों की भीड़ उमड़ पड़ती है । सप्ताह के सोमवार व शुक्रवार को यहां विशेष पूजा होती है । जिसमें शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में लोग यहां पहुंचते हैं । यहां प्रतिवर्ष सैकड़ों शादियां भी होती हैं । नवरात्री में भी यहां श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है ।
मंदिर का इतिहास :-
बिक्रमगंज के डेहरी रोड स्थित मां आस्कामिनी मंदिर लगभग दो सौ वर्ष पुराना है । पहले यहां छोटा पेड़ था, जो धारुपुर निवासी चोआ पांडेय के जमीन में था, बाद में उनके पुत्र लक्ष्मण पांडेय ने यहां मंदिर के लिए 36 डिसमिल जमीन दान दे दिया । अब यहां मंदिर भव्य रूप ले लिया है । कहा जाता है कि लगभग दो सौ वर्ष पूर्व इस क्षेत्र में आस्कामनी मां थीं, जो लोगों का कल्याण करती थीं । लोगों का कहना है कि भूमिदाता को स्वपन में मां आस्कामिनी की प्रेरणा के बाद ही यहां भव्य मंदिर का निर्माण हुआ था । लोगो के मुताबिक पूर्व में यहां श्रद्धालु बलि देते थे । लेकिन मंदिर के नए भवन निर्माण के बाद संत श्री श्री 1008 श्री त्रिदंडी स्वामी जी महाराज के परम शिष्य श्री श्री 1008 श्री लक्ष्मीप्रपन्न श्री जियर स्वामी जी महाराज के कहने के बाद यह परम्परा यहां समाप्त हो गई । अब यहां नारियल प्रसाद के रूप में चढ़ाया जाता है ।