आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 20 मार्च 2022 : इंद्रपुरी : मानव जीवन में चाहे आर्त की स्थिति में हो. चाहे विषाण की स्थिति में हो.चाहे शिथिल की स्थिति में हो, चाहे भय की स्थिति में हो.अगर परमात्मा का संकीर्तन करते है.गुणगान करते है.याद करते है.चिंतन करते है.भजन करते है.स्मरण करते है.यज्ञ करते है.तो निश्चित रुप में वो परमात्मा प्राणियों को उद्धार करते है.कल्याण करते है.यह बातें डेहरी प्रखंड के बस्तीपुर गांव में चल रहे श्रीलक्ष्मी नारायण ज्ञानयज्ञ के दौरान श्री लक्ष्मी प्रपन्न जीयर स्वामी जी महाराज ने कहीं.उन्होंने कहा कि चाहे किसी भी विषम से विषम परिस्थिति में हो.अगर उन परमात्मा को याद करते है, पुकारते है. तो परमात्मा कहीं भी रहते है.रक्षा करते है.अज्ञानियों के लिए बहुत दूर रहते है.उनके ढ़ूढने से भी नही मिलते है.वही भक्तों के लिए पास रहते है.उनके सन्निकट में रहते है.उनकी रक्षा करते है.उन्होंने कहा कि जीवन में कभी ऐसा विषम परिस्थिति आ जाये.उस परिस्थिति में क्या करना चाहिए.और क्या नही करना चाहिए.कौन अपना है. कौन पराया है.कौन प्रशस्त मार्ग है.कौन वर्जित मार्ग है.ऐसा अगर होता है.तो परमात्मा का शरणागति करते है.परमात्मा को स्वीकार करते है.तो वो परमात्मा हमें मुकाम व मार्गों तक पहूंचाने की कृपा करते है.उन्होंने कहा कि अच्छे कर्मों को करने से समाज का दिल दिमाग मन बुद्धि चित आहार व्यवहार में सुधार होता है.तो कम नही है.

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