तिलौथू (रोहतास) : तिलौथू लोक आस्था के पर्व छठ को लेकर इन दिनों हर स्तर से तैयारी चल रही है। वहीं सबसे अधिक जो इस पूजा में महत्व रखता है वह है सूप व दउरा, जिसकी माग सर्वाधिक होती है। इसका निर्माण भी ग्रामीण क्षेत्र में जोरों पर है।प्रखंड के तिलौथू एवं इंद्रपुरी गांव में दउरा व सूप बनाने का काम कई परिवार के लोग कर रहे हैं।इसके निर्माण में लगे रामजी डैम बताते हैं कि एक माह पहले से सूप और दउरा बना रहे हैं। इनके द्वारा बनाए गए सूप और दउरा डेहरी, औरंगाबाद, सासाराम सहित अन्य शहरों में व्यापारी ले जाते हैं।
इंद्रपुरी निवासी रामजी डोम बताते हैं कि बरुन एवं गांव से जाकर बांस खरीद कर कई लोग मिलकर लाते हैं। जिससे सूप, दउरा, मौनी आदि बनाकर बेचते हैं। तिलौथू के काइल डोम कहते हैं कि 100 रुपये में दउरा व 50 रुपये में सूप बाहर से आए थोक व्यापारी ले जाते हैं। वे लोग इसे एक माह पहले से बनाने में जुट जाते हैं। इसके लिए थोक व्यापारी ही पूंजी देते हैं। जो कीमत तय करते हैं उसी दर पर व्यापारी खरीदते हैं। मालती देवी कहती है कि छठ पर्व में ही लोग दउरा और सूप ले जाते हैं। बाकी दिन सोचना पड़ता है। अन्य दिन इन सामानों की बिक्री के लिए ग्राहकों का बाट जोहते रहते हैं। ये लोग बताते हैं कि सोभ बाजार में बेचने के लिए भी ले जाते हैं। जहां व्यापारी उनकी कीमत पर नहीं बल्कि अपनी कीमत पर खरीदने को मजबूर करते हैं। पेट चलाने के लिए उनके द्वारा तय कीमत पर बेचना पड़ता है।