रोहतास दर्शन न्यूज़ नेटवर्क : 07 नवम्बर 2021 : दावथ : दीपावली के बाद लोक आस्था का महाव्रत छठ पूजा की तैयारी में श्रद्धालु आस्था के साथ जुड़ गये है। प्रखण्ड भर में इसकी तैयारी बड़ी ही धूम-धाम से की जा रही है। लोक आस्था का महापर्व छठ का आरंभ 08 नवंबर यानि सोमवार से शुरू हो रहा है। कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से सप्तमी तक चलने वाला यह चार दिन का पर्व नहाय-खाय के साथ शुरू होता है। इस साल छठ 08 नवंबर को नहाय-खाय, 09 नवंबर को खरना मनाया जाएगा। इसके बाद छठ व्रती 10 नवंबर को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देंगी और 11 नवंबर को सुबह का अर्घ्य देने के बाद अरुणोदय में सूर्य छठ व्रत का समापन किया होगा। लोग अपने घर की सफाई करते हैं और मन को तामसिक भोजन से दूर कर पूरी तरह शुद्ध शाकाहारी भोजन ही लेते हैं। दूसरा दिन खरना की विधि की जाती है। खरना के दिन व्रती पूरे दिन जल की एक बूंद तक ग्रहण नहीं करता व शाम होने पर गन्ने का जूस या नया चावल व गुड़ की खीर का प्रसाद ग्रहण कर आसपास के लोगो मे बांटते हैं। पूरे दिन के उपवास के बाद सूर्य षष्ठी के तीसरे दिन शाम को अर्घ्य दिया जाता है। मान्यता के अनुसार शाम का अर्घ्य के बाद रात में छठी माता के गीत गाए जाते हैं और व्रत कथा भी सुनी जाती है। छठ पर्व के चौथे और अंतिम दिन सुबह सूर्य निकलने से पहले ही घाट पर पहुंचना होता है और उगते सूर्य को अर्घ्य देना होता है। अर्घ्य देने के बाद घाट पर छठ माता से संतान-रक्षा और घर परिवार के सुख-शांति का वर मांगा जाता है। इस पूजन के बाद सभी में प्रसाद बांट कर फिर व्रती खुद भी प्रसाद खाकर व्रत खोल लेते हैं।
छठ गीत से भक्तिमय माहौल
पिछले कई दिनों से प्रखंड दावथ में छठ का गीत बजने लगे हैं। क्षेत्र के विभिन्न गांवों एवं मुहल्लों में छठी मैया के गीत का धुन बजना शुरू हो चुका है। हर तरफ इसकी गीतों की गूंज सुनाई दे रही है। छठ गीतों में “उगा हो सूरज देव भईल अर्घ्य के बेर”, “कांच ही बांस के बहंगीया, केलावा के पात पर उगी ला सूरज देव” सहित अन्य गीतों की आवाज से चारों ओर का माहौल भक्ति मय में बना हुआ है।
छठ घाटों की साफ-सफाई में लगे लोग
वहीं युवा की टोली छठ घाट की साफ-सफाई के साथ घाट को बनाने में लगे है। सभी नदी, नहर, तालाब सहित अन्य जगहों की सफाई एवं रास्ते का मरम्मती कार्य करने में स्थानीय समिति के कार्यकर्ता जुट गये है।