सासाराम: छठ पूजा को लेकर सरकार ने सुझाव के साथ कुछ गाइडलाइन जारी की हैं. कोविड-19 से बचाव को देखते हुए छठ घाटों पर ना कोई संस्कृति कार्यक्रम और ना ही कोई मेले का आयोजन होगा. साथ ही छठ करने वालों को अर्घ देने के दौरान डुबकी नहीं लगाने को कहा गया है । अगर बुखार है तो भी घर से घाट तक नहीं जाने की सलाह दी गई है । इसके साथ ही सबसे बड़ी सलाह यह दी गई है कि खतरा कोरोना का है, इस कारण से घर पर ही छठ मनाएं. छठ महापर्व पर कोरोना संक्रमण का साया है. इस बड़ी चुनौती को लेकर जिला प्रशासन लगातार तैयारी कर रहा है । जिला प्रशासन के साथ स्वास्थ्य विभाग भी एहतियात के तौर पर लोगों को आवश्यक सलाह दे रहा है जिससे पूजा के साथ-साथ कोरोना से भी बचाया जा सके।
सरकार के विशेष सचिव द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार कोविड काल में छठ पूजा के सुव्यवस्थित आयोजन के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिए गए सलाह का अनुपालन सुनिश्चित कराने के लिए जनहित में लोगों को जानकारी देने का निर्देश दिया है । कहा गया है कि सभी व्रती यथासंभव अपने घर पर ही छठ पूजा का आयोजन करें और अपील की गई है कि कोविड संक्रमण के दौर में प्रत्येक व्यक्ति सावधान रहें, सतर्क रहें एवं सजग रहें तथा भीड़-भाड़ नहीं लगाएं । सभी व्यक्ति 2 गज की दूरी का पालन करें तथा अनिवार्य रूप से मास्क का प्रयोग करें । यानी कोविड के खतरे को देखते हुए छठ घाटों पर भीड़ भाड़ नहीं लगाई जाएगी तथा वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा । स्वास्थ्य विभाग ने छठ पर्व के दौरान बुखार से ग्रस्त व्यक्ति, 60 साल से ऊपर के व्यक्ति, 10 साल से कम उम्र के बच्चे एवं अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रस्त व्यक्तियों को छठ घाटों पर नहीं जाने की सलाह दी है । छठ व्रत के दौरान प्रत्येक व्यक्ति को मास्क का प्रयोग करने तथा 2 गज की दूरी का अनिवार्य रूप से पालन करने की भी सलाह दी गई है ।