डालमियानगर : शहर के पाली रोड स्थित एक होटल मे अभिनव कला संगम द्वारा आयोजित अखिल भारतीय हास्य कवि सम्मेलन में देर रात तक दर्शक ठहाके लगाते रहे। अखिल भारतीय लघु नाट्य प्रतियोगिता की 30 वी वर्षगांठ पर बुधवार की रात आयोजित अखिल भारतीय हास्य कवि सम्मेलन में दर्शकों की खचाखच भीड़ कवियों के साथ वाह-वाह करते दिखे। उद्घाटन स्थानीय विधायक एवं एएसपी संजय कुमार, जिप अध्यक्ष नथुनी पासवान, बीडीओ अरुण कुमार, संझौली प्रखंड उप प्रमुख मधु उपाध्याय, नगर परिषद उप मुख्य पार्षद बिंदा देवी, महिला रोग विशेषज्ञ डॉक्टर रागनी सिन्हा, मनोचिकित्सक डॉक्टर यूके सिंहा ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया।

संस्था सदस्यों ने बारी-बारी से अतिथियों को बुके व कवियों को अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया । अपने संबोधन में विधायक ने कहा कि विधानसभा क्षेत्र में साहित्य, संगीत व कला के क्षेत्र को विकसित करने के लिए सदैव तत्पर रहेंगे। एएसपी संजय कुमार ने कहा कि भागदौड़ की दुनिया में तनाव रहित जिंदगी से मुक्ति के लिए इस तरह के हास्य कवि सम्मेलन के लिए अकस बधाई के पात्र है। कार्यक्रम को अन्य लोगों के अलावा जिप अध्यक्ष समेत चिकित्सकों व प्रशासनिक अधिकारियों ने अपना संबोधन दिया। संचालक अधिवक्ता मनोज अज्ञानी ने कहा कि अकस द्वारा लगातार 29 वर्षों से ऑल इंडिया नाट्य प्रतियोगिता समेत कई अन्य कार्यक्रमों का आयोजन 26 से 30 दिसंबर तक किया जाता रहा है। किंतु कोरोना संकट के कारण इस बार सभी कार्यक्रम नहीं हो सके। किंतु नाट्य प्रतियोगिता का वर्षगांठ के रूप में हास्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया है।

संयोजक कमलेश कुमार ने स्वागत संबोधन किया। हास्य कवि सम्मेलन की शुरुआत कवित्री पूनम श्रीवास्तव ने सरस्वती वंदना से शुरू किया। वाराणसी के हास्य कवि नागेश शांडिल्य ने अपनी कविता हम दोनों पति-पत्नी है सही पर एक दूसरे के नहीं हम तो पार्ट टाइम के लिए ही मेड फॉर ईच अदर है, वरना मैं किसी और का फादर हूं, और यह किसी और की मदर है। पर दर्शकों को लोटपोट कर दिया और देर तक हंसी के ठहाके से कार्यक्रम स्थल गूंजता रहा। अहमद आजमी ने देश की आन बान जिंदाबाद सारे फौजी जवान जिंदाबाद आ रही है, सदा यह सरहद से मेरा हिंदुस्तान जिंदाबाद कविता से उपस्थित दर्शकों को देशभक्ति से ओत-प्रोत कर दिया। कवि डॉक्टर धर्म प्रकाश मित्र की कविता कौन कहता है गिद्ध भारत से लुप्त हुए, पेड़ों के बजाय कुर्सियों पर पाए जाते हैं। संसद में बैठकर कोई भी ब्यूह रच रहा, गांव का प्रधान कहीं योजना पचाते हैं। जन गण मन पर भी यह चोच मार रहे, भारत महान पर कालिख लगाते हैं। त्रेता वाला गिद्ध सीता माता हेतु जान दिया, कलयुग के गिद्ध सीताओं को नोच खाते हैं, ने हास्य और व्यंग के तीर छोड़े। दर्शक देर तक वाह-वाह करते रहे। कवयित्री पूनम श्रीवास्तव ने श्रृंगार काव्य पाठ किया। जिसमें मैं सुबह की किरण और रंगी शाम बनो तुम, सीता बहुत मिलेंगी पहले राम बनो तुम, बंशी अधर पे बन के सदा बजती रहूंगी, राधा तो मैं बनूंगी, पहले श्याम बनो तुम, कविता से दर्शकों को खूब गुदगुदाया।

कवि सम्मेलन के संचालक शंकर कैमुरी ने अपनी कविता ना काटो दोस्तों, साखे शजर को, परिंदा आशियाना चाहता है। जवान बेटी के रिश्ते के लिए कोई ऊंचा घराना चाहता है, से दर्शकों पर अपनी छाप छोड़ी। संचालक ने बीच-बीच में अपने सफल संचालन से दर्शकों को बांधे रखा। कवि सम्मेलन अन्य लोगों के अलावा शहर के प्रसिद्ध चिकित्सा डॉ निर्मल कुमार, डॉ नवीन नटराजन, डॉ ओपी आनंद संस्था सदस्य प्रोफेसर रणधीर सिन्हा, कौशलेंद्र कुशवाहा, दीपक श्रीवास्तव, सिमल सिंह, प्रमोद सिंह, मुन्ना सिंह, कुंदन यादव, शशि श्रीवास्तव, संजय यादव, कृष्णा यादव, नंदन कुमार, हेमंती देवी, विनय कुमार, शंभू गुप्ता, पार्षद सरोज उपाध्याय समेत अन्य लोगोंझ ने बढ़ चढ़कर अपनी भूमिका निभाई।

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