आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 30 मार्च 2022 : पटना : बिहार से भाजपा  के राज्यसभा सदस्य विवेक ठाकुर ने सुशील कुमार मोदी के विपरीत केन्द्रीय विद्यालय में छात्रों के दाखिले की सिफारिश करने के लिए सांसद कोटा (राज्यसभा और लोकसभा दोनों में) में वृद्धि की केंद्र सरकार से मांग की है. उन्होंने मंगलवार को इसे लेकर राज्यसभा में शून्यकाल नोटिस दिया है. दरअसल केन्द्रीय विद्यालयों में सांसदों की ओर से छात्रों के दाखिले को लेकर सांसद कोटा तय है. लेकिन बड़े स्तर पर सांसदों के पास सिफारिश आने से वे हर किसी की मांग पूरी नहीं कर पाते. इसी कारण बिहार से आने वाले विवेक ठाकुर ने केन्द्रीय विद्यालय में छात्रों के दाखिले की सिफारिश करने के लिए सांसद कोटा (राज्यसभा और लोकसभा दोनों में) में वृद्धि को लेकर राज्यसभा में शून्यकाल नोटिस दिया है। मौजूदा समय में देश में देश में 788 से अधिक सांसद हैं. एक सांसद के पास केन्द्रीय विद्यालय में 10 छात्रों को प्रवेश दिलाने का कोटा है. इस प्रकार 7880 सीटों पर दाखिला सांसदों की सिफारिश पर की जाती है. हालांकि कोटे की तुलना में सांसदों के पास हर बार बड़े स्तर पर उनके समर्थक और क्षेत्र के लोग दाखिले की सफ़ारिश के लिए अनुरोध लेकर आते हैं. ऐसे में कोटे की 10 सीटें कम पड़ जाती है. ऐसे में सैंकड़ों आग्रह की तुलना में 10 लोगों का अनुरोध ही स्वीकार होता है. इससे कई बार सांसद के प्रति लोगों में नाराजगी बढ़ जाती है. 

पिछले दिनों भाजपा सांसद सुशील मोदी ने भी यही मुद्दा उठाया था. उन्होंने राज्यसभा में केंद्रीय विद्यालयों में सांसदों के कोटे से विद्यार्थियों के होने वाले नामांकन की व्यवस्था को समाप्त करने की मांग की थी. सुशील मोदी ने शून्य काल के दौरान इस मामले को उठाते हुए कहा कि केंद्रीय विद्यालयों में हर एक सांसद के कोटे से 10 और विद्यालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष के कोटे से 17 विद्यार्थियों के नामांकन का प्रावधान है जिसे समाप्त किया जाना चाहिए.

उन्होंने यहां तक कहा कि इस कोटे के कारण उनका जीना मुश्किल हो गया है, जीना हराम कर दिया है. इस कोटे से वे सिर्फ 10 छात्रों का दाखिला करा सकते हैं. लेकिन, सैकड़ों की संख्या में लोग रोज इसके लिए पहुंच जाते हैं. इसी के कारण वह इस कोटे को बढ़ाने की नहीं बल्कि समाप्त करने की मांग कर रहे हैं.

मौजूदा समय में देश में देश में 788 से अधिक सांसद हैं. एक सांसद के पास केन्द्रीय विद्यालय में 10 छात्रों को प्रवेश दिलाने का कोटा है. इस प्रकार 7880 सीटों पर दाखिला सांसदों की सिफारिश पर की जाती है. हालांकि कोटे की तुलना में सांसदों के पास हर बार बड़े स्तर पर उनके समर्थक और क्षेत्र के लोग दाखिले की सफ़ारिश के लिए अनुरोध लेकर आते हैं. ऐसे में कोटे की 10 सीटें कम पड़ जाती है. ऐसे में सैंकड़ों आग्रह की तुलना में 10 लोगों का अनुरोध ही स्वीकार होता है. इससे कई बार सांसद के प्रति लोगों में नाराजगी बढ़ जाती है. 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !! Copyright Reserved © RD News Network