आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 21 अगस्त 2022 : पटना । ऐसे समय में, जब विपक्षी दलों के कई नेता राज्यों में केंद्रीय जांच एजेंसियों का सामना कर रहे हैं, बिहार में स्थिति बदल रही है। यहां भाजपा के कुछ नेता राजद के टारगेट लिस्ट में हैं, जिसने हाल ही में राज्य में सरकार बनाने के लिए जदयू के साथ गठबंधन किया है। राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी, विधायक नीरज कुमार बबलू और पूर्व भूमि सुधार एवं शिक्षा मंत्री राम सूरत राय जैसे भाजपा नेता राजद के टारगेट लिस्ट पर हैं।
सुशील मोदी जमीन हड़पने के आरोप का सामना कर रहे हैं। जबकि राम सूरत राय राज्यमंत्री रहते हुए सर्कल अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग के आरोपों का सामना कर रहे हैं।
पिछले शुक्रवार को राजद विधायक रामानंद यादव ने पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी पर जमीन हड़पने का गंभीर आरोप लगाया था। उन्होंने कहा कि सुशील मोदी बिहार के सबसे ‘दबंग’ और ‘बाहुबली’ नेता हैं, जिन्होंने एक ईसाई परिवार की जमीन हड़प ली और एक मॉल बनवाया। यादव ने कहा, “सुशील कुमार मोदी ने लोदीपुर और खेतान बाजार में जमीनें हड़पी। हम उनकी पत्नी, भाई और भाई की पत्नी और खुद के नाम पर दर्ज संपत्तियों की जांच करेंगे।” यादव ने कहा, “लोदीपुर में जमीन के मालिक दो व्यक्ति हैं और इसका एक मालिक दिल्ली में रहता है। फिर भी सुशील मोदी ने डिप्टी सीएम रहते हुए ईसाई परिवार की जमीन पर जबरन कब्जा कर लिया। परिसर में एक शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान था। हम मामले की जांच करेंगे।”
हालांकि, सुशील मोदी ने दावा किया कि उनका या उनके परिवार का इन दोनों जमीनों से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि राजद नेता से इन दोनों मामलों में मेरी भूमिका को साबित करके दिखाए। सुशील मोदी ने कहा, “मैं राजद नेता को चुनौती देता हूं कि वह इन दोनों जमीनों से मेरे संबंध या मेरी भूमिका को साबित करें। अगर यह साबित हो जाता है, तो मैं ये जमीनें लालू प्रसाद के परिवार को देने को तैयार हूं। अगर राजद नेता साबित नहीं कर सके, तो मैं चाहता हूं कि वह सार्वजनिक रूप से माफी मांगें। अगर ऐसा नहीं हुआ, तो मैं उसके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करूंगा।”
पूर्व भूमि रिकॉर्ड और राजस्व मंत्री राम सूरत राय राज्य मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान ट्रांसफर-पोस्टिंग के आरोपों का सामना कर रहे हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इन दोनों विभागों के 149 सर्किल अधिकारियों, बंदोबस्त अधिकारियों और चकबंदी अधिकारियों के तबादले और पोस्टिंगमें कुछ गड़बड़ पाई। इसके बाद सीएमओ ने इसे रद्द करने के लिए बिहार के राज्यपाल से सिफारिश की। नितीश कुमार ने भू-अभिलेख एवं राजस्व विभाग में 149 अधिकारियों के तबादले और पोस्टिंग रद्द कर दिए थे।