कबीरपंथी आश्रम में बुद्ध जयंती
जो बुद्ध होते हैं उनकी मृत्यु नहीं होती- भंते कारुणिक
आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 17 मई 2022 : पटना : कबीरपंथी मठ मीठापुर के सदगुरु कबीर साईं मंदिर में बुद्ध जयंती का आयोजन आचार्य महंत ब्रजेश मुनि के सानिध्य में मनाया गया सारनाथ से पधारे आचार्य भंन्ते प्रियदर्शी भंन्ते कर्णिक भंन्ते असंग महाराष्ट्र से पधारे भंन्ते विकास भन्ते महाकस्प संत विवेक मुनि ने भगवान बुद्ध के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित किया दृश्य अदृश्य सभी जीवो के कल्याणार्थ और महा मंत्रों का पाठ किया गया इस अवसर पर आगत बौद्ध भिक्खओ का स्वागत करते हुए ब्रजेश मुनि ने कहा भगवान बुद्ध के उपदेश के समान ही सदगुरु कबीर साहेब ने जाति वर्ण भेदभाव को मिटाकर मानव धर्म का संदेश दिया भगवान बुद्ध के उपदेश में सबका कल्याण निहित है आज बिहार में इसका अधिकाधिक प्रचार-प्रसार होना चाहिए आचार्य भंन्ते प्रियदर्शी ने कहा भगवान बुद्ध का ज्ञान उस और बढ़ता है जिस और ज्ञान का स्त्रोत्र हैं अर्थात धारा के विपरीत चलने वाली हे भगवान बुद्ध की ज्ञान धारा भगवान बुद्ध जिसे ज्ञान देते थे उसे कहते थे कि मैं जो कर रहा हूं उसका परीक्षण करके ग्रहण करना ज्ञान से ही संसार की व्यवस्था चलती हैं इसलिए देश की सर्वोच्च सभा संसद का सूत्र वाक्य है धर्म चक्र परिवर्तनाय भगवान बुद्ध के दिए हुए मंत्र सूत्र की महिमा ऐसी है कि इसका पाठ करने से सभी प्रकार के दुख दूर हो जाते हैं रत्न सूत्र के पाठ से महामारी से भी मुक्ति मिल जाती है यह प्रमाणित हो चुका है इसी कड़ी में भंते करुणिक ने कहा जो बुद्ध होते हैं उनकी मृत्यु नहीं होती है उनका महापरिनिर्वाण होता है जिसके काम तृष्णा और भवतृष्णा और विभव तृष्णा मिट जाती है उन्हें महापरिनिर्वाण प्राप्त होता है भगवान बुद्ध को बोधगया में ज्ञान प्राप्त किए और ज्ञान प्राप्ति के बाद सात सप्ताह तक यही रहे भंन्ते कहा हमारे नियंत्रण में सिर्फ कर्म है मेरा समागम सत पुरुषों के साथ होता कि हम कुशल कर्मों का संपादन करते रहे इस अवसर पर संत विवेक मुनि ने बौद्ध भिक्खओ का स्वागत किया दिनेश राय, अँड राम नारायण महतो, डॉ इंद्रजीत कुमार, समाजसेवी शोभा चौधरी, रूबी देवी उमा देवी रामदेव , गजानन आदि उपस्थित थे