रोहतास दर्शन न्यूज़ नेटवर्क : 01 जून 2021 : पटना : मुख्य सचिवालय में आयोजित अहम बैठक में कुल 18 एजेंडों पर मुहर लगी है। बिहार सरकार ने सूबे में पंचायत चुनाव को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है। इस फैसले के वजह से पंचायतस्तर के जनप्रतिनिधियों को बड़ा झटका लगा है। सूत्रों के माध्यम से पता चला है की “बिहार में पंचायत चुनाव नहीं होने की स्थिति में बिहार में पंचायत, ग्राम कचहरी, पंचायत समिति, जिला परिषद में परामर्शी समिति का गठन किया जाएगा।” 

बिहार सरकार के इस निर्णय के बाद यह पुर्णतः स्पष्ट हो गया है कि बिहार में पंचायत प्रतिनिधियों के कार्यकाल का विस्तार नहीं किया जायेगा। बिहार सरकार त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों को एक्टेंशन नहीं देने जा रही है। मौजूदा नीतीश सरकार ने पंचायती राज अधिनियम 2006 में संशोधन किया है। अधिनियम के धारा 14, 39, 66 और 92 में संशोधन किया गया है। नया अध्यादेश लाकर वर्तमान जनप्रतिनिधियों को शक्ति देने की योजना है। चर्चा है कि परामर्श समिति में अफसर और वर्त्तमान पंचायत प्रतिनिधियों को शामिल किया जायेगा। गौरतलब हो कि वर्तमान पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल 15 जून को समाप्त हो रहा है. बताया जा रहा है कि जब तक अगला चुनाव नहीं होगा तब तक परामर्श समिति को ही शक्ति दी जाएगी।

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