आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 11 अप्रैल 2022 : छपरा नगर। भारत में सामाजिक न्याय, शिक्षा, समानता, स्वतंत्रता एवं भाईचारा के प्रतीक महात्मा ज्योति राव फुले की 196वीं जयंती आज सलेमपुर, छपरा स्थित यादव छात्रावास में प्रो. लाल बाबू यादव की अध्यक्षता में आयोजित की गई। इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित करते हुए जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, दिल्ली के शोधार्थी रहे नंद लाल सिंह कॉलेज दाउदपुर के दर्शन विभाग में कार्यरत डॉ श्री भगवान ठाकुर ने कहा कि ज्योतिबा फुले के विचारों के आधार पर एक ऐसे समाज के निर्माण की आवश्यकता है जिसमें मनुष्य स्वच्छंदता के साथ बिना किसी भेदभाव के अपने सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक एवं सांस्कृतिक विकास को सुनिश्चित कर सकें। उन्होंने कहा कि ज्योतिबा फुले ऐसे क्रांतिकारी चिंतक थे, जिन्होंने अपनी प्रसिद्ध पुस्तक ‘गुलामगिरी’ में पहली बार समाज में ब्राह्मणवाद के पाखंडों को ध्वस्त करते हुए एक ऐसे समाज के निर्माण की परिकल्पना की, जिसमें समाज के निचले तबके के शूद्रों के विकास के लिए समुचित अवसर हो। उन्होंने कहा कि महात्मा फुले और सावित्रीबाई फुले के विचारों के आधार पर स्त्री-शिक्षा को जन-जन तक पहुंचाना होगा तथा नई पीढ़ी को उनके विचारों को अपनाना पड़ेगा। इस अवसर पर बोलते हुए डॉ दिनेश पाल ने कहा कि भारत के बहुजन नायकों में ज्योतिबा फुले बहुत ही ऊंचा स्थान है, बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर ने उन्हें अपने गुरु की उपाधि प्रदान की थी। आज नई पीढ़ी के लोग उनके विचारों से महरूम होते जा रहे हैं, जिसे प्रचारित-प्रसारित करने की आवश्यकता है। कमलेश राय का कहना था कि हमें सामाजिक आडंबर के विरुद्ध संघर्ष करते हुए विज्ञान पर आधारित समाज के निर्माण की दिशा में आगे बढ़ना होगा। अपने अध्यक्षीय संबोधन में डॉक्टर लाल बाबू यादव ने कहा कि प्रत्येक वर्ष की तरह इस वर्ष भी भले ही हम लोगों ने ज्योतिबा फुले की जयंती मनाई है, परंतु आवश्यकता इस बात की है कि उनके विचारों को अंबेडकर के विचारों के साथ सारण जिले के गांव-गांव में छोटी विचार गोष्ठियों एवं विचार सत्रों के द्वारा जन-जन तक पहुंचाया जाए। प्रारंभ में छात्रावास के संयोजक प्राचार्य अरुण कुमार ने आगत अतिथियों का स्वागत करते हुए आज के आयोजन की महत्ता पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर अधिवक्ता शंभू प्रसाद यादव, कृष्णा कुमार यादव, राजनाथ कुमार, सुमंत कुमार, शैलेश कुमार, मिंटू कुमार एवं प्रमोद कुमार आदि ने अपना विचार व्यक्त किया।