आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 24 जुलाई 2023 : वाराणसी। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को आदेश दिया कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वेक्षण की अनुमति देने वाले वाराणसी अदालत के निर्देश को बुधवार शाम पांच बजे तक लागू नहीं किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अपील के लिए अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी को कुछ समय दिया जाना चाहिए।

भारत के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला व न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने मस्जिद प्रबंधन समिति को वाराणसी जिला न्यायालय द्वारा पारित आदेश को चुनौती देने के लिए इलाहाबाद उच्च न्यायालय में जाने की अनुमति दी। शीर्ष अदालत ने उपरोक्त निर्देश यह देखने के बाद दिया कि जिला अदालत का आदेश 21 जुलाई शाम 4.30 बजे सुनाया गया था।

एएसआई की एक टीम सोमवार को सर्वेक्षण करने के लिए मस्जिद पहुंची थी।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ज्ञानवापी मस्जिद मामले में हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे विष्णु शंकर जैन ने कहा ASI ने मस्जिद परिसर के सर्वेक्षण पर वाराणसी अदालत के आदेश के पालन पर रोक लगा दी है ताकि अंजुम को उच्च न्यायालय के समक्ष इसे चुनौती देने की अनुमति मिल सके… हमारी कानूनी टीम उच्च न्यायालय पहुंच रही है और हम इसका विरोध करेंगे। ज्ञानवापी की सच्चाई ASI के सर्वेक्षण के बाद ही सामने आएगी। उच्च न्यायालय, सुप्रीम कोर्ट की किसी भी टिप्पणी से प्रभावित हुए बिना मामले का फैसला करेगा, इलाहाबाद HC अपनी योग्यता के आधार पर मामले का फैसला करेगा।

सुप्रीम कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से इस बारे में निर्देश लेने को कहा कि सर्वेक्षण के दौरान एएसआई कोई उत्खनन कार्य कर रहा है या नहीं। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता का कहना है, “एक भी ईंट नहीं हटाई गई है और न ही इसे हटाने की योजना है। अभी जो चल रहा है वह माप, फोटोग्राफी और रडार है, जो संरचना को प्रभावित नहीं करेगा।”

सुप्रीम कोर्ट ने वकील अहमदी से कहा कि वह लगभग दो सप्ताह तक खुदाई नहीं कर सकता है, लेकिन अभी चल रहा काम पूजा में कैसे बाधा डाल रहा है और एएसआई अभी तक संरचना को नहीं छू रहा है, यह सिर्फ माप और फोटोग्राफी है।

सर्वे और सावन के सोमवार को देखते हुए वाराणसी को हाईअलर्ट पर रखा गया था । परिसर के बाहर और आसपास पुलिस के जवान तैनात थे। सर्वे के काम लिए झाड़ू और फावड़े से लेकर अत्याधुनिक मशीनें तक अंदर ले जाई गई थी। काशी विश्वनाथ धाम का गेट नंबर चार पहले की ही भांति बंद था ।

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मुस्लिम पक्ष के वकील मुमताज अहमद और रईस अहमद ने कहा, “हमने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार ही आगे बढ़ेंगे। कल ही हमने डीएम को मना कर दिया था कि हम सर्वे में शामिल नहीं होंगे।”

ज्ञात हो कि शुक्रवार को वाराणसी कोर्ट ने ज्ञानवापी में सील वजूस्थल को छोड़कर पूरे परिसर के ए एसआई सर्वे के आदेश दिए थे। इस फैसले के खिलाफ मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। एएसआई को चार अगस्त तक वाराणसी कोर्ट में सर्वे की रिपोर्ट सौंपनी हैं। रविवार रात दिल्ली, पटना और आगरा से एएसआई की टीम वाराणसी पहुंची। यहां डीएम, कमिश्नर, पुलिस कमिश्नर के साथ बैठक की। इसके बाद सोमवार सुबह से सर्वे पर सहमति बनी। प्रशासन ने हिंदू और मुस्लिम दोनों पक्षों और उनके वकीलों को बुलाया। हिंदू पक्ष ने सर्वे में सहयोग की बात कही। हिंदू पक्ष के लोग सर्वे टीम के साथ ज्ञानवापी के अंदर गए हैं।

ज्ञानवापी मामले पर हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने कहा, “हमें यकीन है कि पूरा परिसर मंदिर का ही है। सर्वे का परिणाम हमारे अनुकूल होगा। वहीं याचिकाकर्ता सोहन लाल आर्य ने कहा, “सर्वे ही ज्ञानवापी मुद्दे का एकमात्र समाधान है।” हिंदू पक्ष के वकील सुधीर त्रिपाठी ने कहा, “आज ज्ञानवापी सर्वे हो रहा है। ये हमारे लिए अच्छी बात है। सर्वे कब तक चलेगा, कह नहीं सकते।

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