यह प्रतिमा 6.5 मीटर ऊंची और 9500 किलो वजन की है
आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 11 जुलाई 2022 : नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सुबह नए संसद भवन की छत पर अशोक स्तंभ की कांस्य प्रतिमा का अनावरण किया। यह प्रतिमा 6.5 मीटर ऊंची और 9500 किलो वजन की है। इसे सपोर्ट करने के लिए स्टील का लगभग 6500 किलोग्राम वजनी सिस्टम भी बनाया गया है।मा का अनावरण किया। यह प्रतिमा 6.5 मीटर ऊंची और 9500 किलो वजन की है। इसे सपोर्ट करने के लिए स्टील का लगभग 6500 किलोग्राम वजनी सिस्टम भी बनाया गया है।अशोक स्तंभ भारत का राष्ट्रीय प्रतीक है।सेंट्रल विस्टा मोदी सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट है। इसका सेंट्रल एवेन्यू 80 फीसदी बनकर तैयार हो चुका है। इसे बनवाने के लिए पहले करीब 971 करोड़ रुपए के खर्च का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन अब यह खर्च 29 फीसदी बढ़कर 1250 करोड़ से अधिक हो सकता है। सरकार ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के पूरे होने की डेडलाइन अक्टूबर 2022 रखी है। सरकार चाहती है कि नए संसद भवन में शीतकालीन सत्र आयोजित किया जाए। इसमें संसद भवन समेत केंद्र सरकार से जुड़े सभी दफ्तर शामिल हैं।
बता दें कांस्य धातु से बने इस अशोक स्तंभ की लंबाई 6.5 मीटर है। कांस्य से बने अशोक स्तंभ का निर्माण 2000 से अधिक लोगों ने मिलकर किया है। इस अवसर पर पीएम मोदी ने निर्माण करने वाले कार्यकर्ताओं से भी बातचीत की।
दिल्ली में जिस नए संसद भवन का निर्माण हो रहा है उसमें 1224 सदस्यों के बैठनेकी सुविधा होगी। मोदी सरकार की योजना दिसंबर 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित है। माना जा रहा है कि इस वर्ष होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र से पहने नया संसद भवन बनकर तैयार हो जाएगा।
नया संसद भवन जब बनकर तैयार हो जाएगा तो पहले वाले संसद भवन को संग्राहालय में तब्दील करने की योजना है। नए संसद भवन को बनाने में लगभग 1000 करोड़ रुपये लागत आने की संभावना है। खबरों के अनुसार नया संसद भवन बनकर तैयार हो चुका है और अभी केवल साज-सज्जा का काम बाकी है। जो जल्द ही पूरा हो जाएगा।
राष्ट्रीय प्रतीक की खासियत
- देश के विभिन्न हिस्सों के 100 से अधिक कारीगरों और शिल्पकारों ने तैयार किया
- राष्ट्रीय प्रतीक के निर्माण के लिए नौ महीने से अधिक समय तक काम किया गया
- उच्च शुद्धता वाले कांस्य से बने प्रतीक को जमीन से 33 मीटर ऊपर स्थापित किया गया
- कांस्य से बने इस प्रतीक की ऊंचाई 6.5 मीटर हैं और इसे सहारा देने वाले ढांचे समेत इसका वजन 16,000 किलोग्राम है
- 9,500 किलोग्राम वजन का राष्ट्रीय प्रतीक और इसे सहारा देने वाला 6,500 किलोग्राम वजनी ढांचा है।
ओवैसी बोले- पीएम ने संवैधानिक मानदंडों का उल्लंघन किया
AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी ने इस पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि पीएम मोदी ने राष्ट्रीय प्रतीक का अनावरण करके गलत किया है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि संविधान- संसद, सरकार और न्यायपालिका की शक्तियों को अलग करता है। सरकार के प्रमुख के नाते संसद भवन के ऊपर राष्ट्रीय प्रतीक का अनावरण नहीं करना चाहिए था। लोकसभा का अध्यक्ष लोकसभा का प्रतिनिधित्व करता है, जो सरकार के अधीन नहीं है, सभी संवैधानिक मानदंडों का उल्लंघन किया गया है।