कई प्रत्याशियों की उम्मीदों पर फिरा पानी तो कई प्रत्याशियों ने लगाया जीत का उम्मीद
चुनावी कार्यालय व प्रत्याशियों के आवास पर सन्नाटा |
बिहार विधानसभा चुनाव के प्रथम चरण में बुधवार को शांतिपूर्वक मतदान संपन्न हुआ। करीब दस दिनों से प्रत्याशियों के चुनावी कार्यालय व उनके आवास पर लगने वाली भीड़ गायब दिख रही है। मतदान संपन्न होने के बाद प्रत्याशी अपने जीत हार का आकलन में जुट गए हैं। तो कई प्रमुख प्रत्याशियों से लाभ लेकर वोट के ठेकेदार बने एक भाई नेता अब प्रत्याशियों से कन्नी काटने लगे हैं। क्योंकि उन्हें इस बात का अंदेशा हो गया है कि जिस मतदान केंद्र की ठेकेदारी उन्होंने ली थी वहां उनके प्रत्याशी के पक्ष में मतदान ना के बराबर हुआ है। परोक्ष व अपरोक्ष रूप से तथा सोशल मीडिया के माध्यम से जीत का दंभ भरने वाले कई प्रत्याशी औंधे मुंह गिरे हैं। प्रमुख राजनीतिक दलों के प्रत्याशी एक-एक मतदान केंद्र की रिपोर्ट अलग-अलग तरीके से लेते हुए वोट का आकलन कर रहे हैं। सबसे अधिक चिंता उन प्रत्याशियों में देखी जा रही है, जिन्होंने अपनी जीत के पैसों से लेकर हर तरीके का दमखम लगाया। और चुनावी आकलन में उन्हें पता चला कि खर्च व मेहनत के मुताबिक महज 5% मत ही उन्हें मिला होगा।
प्रत्याशियों के कार्यालय व दरवाजे पर मतदान के पहले सुबह तक भीड़ थी। क्योंकि अंत समय तक कई छुट भैया नेता प्रत्याशियों से आर्थिक लाभ लेने में जुटे रहे। किंतु मतदान समाप्ति के साथ ही चुनावी कार्यालय व प्रत्याशियों के आवास पर सन्नाटा दिखाई दे रहा है।
डेहरी विधानसभा क्षेत्र में दलीय व निर्दलीय प्रत्याशियों की कुल संख्या 14 है। जिनमें यह उम्मीद जताई जा रही है कि करीब नौ प्रत्याशियों की जमानत जप्त होगी। एनडीए गठबंधन प्रत्याशी विधायक इंजीनियर सत्यनारायण सिंह जहां अधिक मतों से जीत का दावा कर रहे हैं। वही महागठबंधन प्रत्याशी फतेह बहादुर सिंह बदलाव की बात कह अधिक मतों से जीत का दावा कर रहे हैं। इसके अलावा जाप प्रत्याशी समीर कुमार, निर्दलीय प्रत्याशी प्रदीप कुमार जोशी और राजीव रंजन उर्फ राजू गुप्ता ने भी अपनी-अपनी जीत का दावा किया है। हालांकि प्रत्याशियों व उनके समर्थकों को चुनाव परिणाम केए लिए अभी 11 दिनों का इंतजार करना पड़ेगा। 10 नवंबर को ही पता चलेगा की कौन प्रत्याशी जीत हासिल कर विधानसभा में पहुंचेंगे।