रोहतास दर्शन न्यूज़ नेटवर्क : 29 अप्रैल 2021 : पटना : केंद्र सरकार ने रविवार को अप्रैल के अंत तक रेमेडिसिविर इंजेक्शन के राज्यवार आवंटन की घोषणा की । COVID-19 के सबसे बड़े केसलोड वाले राज्यों को 10 दिनों की अवधि के लिए अधिकतम रेमेडिसिविर इंजेक्शन का आवंटन किया गया था । एक अधिसूचना के अनुसार, देश के सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य महाराष्ट्र को 30 अप्रैल तक 4.35 लाख रेमेडिसिविर इंजेक्शन मिलेगा, जबकि गुजरात और उत्तर प्रदेश को 1.65 लाख और 1.61 लाख रेमेडिसिविर इंजेक्शन मिलेगा। कर्नाटक को महीने के अंत तक 1.22 लाख , मध्य प्रदेश को 95,000, छत्तीसगढ़ को 75,000, दिल्ली को 72,000, राजस्थान को 67,000 और आंध्र प्रदेश को 60,000 एवं बिहार राज्य को 40,000 रेमेडिसिविर इंजेक्शन का आवंटन किया गया है।
बिहार राज्य में किसको कितना रेमेडिसिविर दिया गया है?
बिहार राज्य के 12 मेडिकल कॉलेजों में 5000 रेमेडिसिविर दिया गया है। इनमें मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल व डिस्ट्रिक्ट कोविड हॉस्पिटल शामिल हैं। एम्स को 800, एएनएमसीएच गया को 400, जीमेसीएच बेतिया को 200, केटीएमसीएच मधेपुरा को 100, जेएलएनएमसीएच भागलपुर को 750, एनएमसीएच पटना को 800, डीएमसीएच दरभंगा को 250, पीएमसीएच पटना को 350, एसकेएमसीएच मुजफ्फरपुर को 500, नीआइआइएमएस, पावापुरी को 300, ईएसआइसी बिहटा को 150 और आइसीआइएमएस पटना को 400 रेमडेसिविर इंजेक्शन दिए गए हैं।
इसके अलावा 38 जिलों के सिविल सर्जन के नाम से 5300 रेमेडिसिविर दिये गये हैं। वहीं 200 रेमेडिसिवर स्टेट हेल्थ सोसायटी बिहार को दिये गये हैं। इनमें सबसे अधिक 3000 सिविल सर्जन पटना को दिये गये हैं। बेगूसराय, भागलपुर, पूर्वी चंपारण, प. चंपारण, गया और मुजफ्फरपुर को 200-200 रेमेडिसिवर दिये गये हैं। दरभंगा और पूर्णिया को 100-100 रेमडेसिविर इंजेक्शन दिए गए हैं। शेष जिलों को 60, 50, 30 और 20 रेमेडिसिविर दिये गये हैं। इस तरह 14 हजार में से 10,500 रेमेडिसिवर बांटने के बाद बीएमएसआइसीएल के पास 3500 शेष बचे हुए हैं।
बिहार राज्य में रेमडेसिविर इंजेक्शन को पाने के तरीके:
1. कोरोना मरीजों को रेमडेसिविर इंजेक्शन लेने के लिए पहले मेडिकल प्रिस्क्रिप्शन, कोरोना टेस्ट रिपोर्ट, आधार कार्ड देना होगा. इसके अलावा उन्हें अपने डॉक्टर का नाम भी देना होगा।
2. औषधि नियंत्रक के पास निर्धारित गूगल फॉर्म पर अनिवार्य सूचनाओं की जानकारी देनी होगी और मडेसिविर इंजेक्शन मांग करनी होगी. इसके बाद राज्यस्तरीय समिति गठित इस पर फैसला करेगी।
3. रेमडेसिविर की कालाबाजारी को रोकने के लिए हायक औषधि नियंत्रक व औषधि निरीक्षकों काम करेंगे।
4. रेमडेसिविर जिन मरीजों को दी जाएगी, उसकी सूचना मरीज के परिजनों को मोबाइल से दी जाएगी ।
5. रेमडेसिविर आवंटन की सूचना जिला नियंत्रण कक्ष को भी दी जाएगी, जिसमें मरीज का नाम, मोबाइल नंबर व पता होगा ।
6. निजी अस्पतालों को रेमडेसिविर आवंटित मात्रा के अनुरूप ही दी जाएगी. इसके लिए क्रय राशि संबंधित जिला सिविल सर्जन को आरटीजीएस से देनी होगी. इसके लिए जिला सिविल सर्जन कार्यालय के बैंक खाता का विवरण देना होगा ।
7. रेमडेसिविर के क्रय मूल्य की सूचना बीएमएसआइसीएल अलग से दी जाएगी। इसी आधार पर निजी अस्पतालों से सिविल सर्जन भुगतान प्राप्त कर सकेंगे ।
8. सभी जिला व मेडिकल कॉलेज पत्र के साथ संलग्न मात्रा में रेमडेसिविर की आपूर्ति राज्य टीकौषधि केंद्र, अगमकुआं, पटना से प्राप्त कर सकते हैं ।