आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 21 जनवरी 2024 : पटना : नालंदा जिलाधिकारी के बाद अब पटना एवं बक्सर के जिलाधिकारी ने भी शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक के निर्देश को मानने से इनकार कर दिया है। जिलाधिकारी डॉ चन्द्रशेखर ने एक बार फिर ठण्ड और कोहरे को लेकर जिले के सभी स्कूलों को बंद रखने का आदेश जारी कर दिया है। साथ ही बक्सर के डीएम आईएएस अंशुल अग्रवाल ने भी धारा 144 लगाते हुए कक्षा 8 वीं तक के सञ्चालन पर रोक लगा दिया है। इसके तहत अब 23 जनवरी तक आठवीं कक्षा तक के शिक्षण कार्य पर प्रतिबन्ध लगा दिया है। अपने आदेश में जिलाधिकारी ने बताया है की जिले में ठंड का मौसम और कम तापमान अभी भी जारी है, जिसके कारण बच्चों के स्वास्थ्य और जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की संभावना है।
इसके मद्देनजर धारा-144 के तहत पटना जिला के सभी निजी / सरकारी विद्यालयों (प्री-स्कूल, आंगनबाड़ी केन्द्रों एवं कोचिंग सेन्टर सहित) में वर्ग-8 तक शैक्षणिक गतिविधियों पर लगाये गये प्रतिबंध को दिनांक 23.01.2024 तक बढाया जाता है। वर्ग-9 से ऊपर की कक्षाओं की शैक्षणिक गतिविधियां पूर्व के आदेश के अनुरूप पूर्वाहन 09.00 से पूर्व एवं अपराह्न 03.30 बजे के पश्चात् प्रतिबंधित रहेंगी। मिशन दक्ष तथा बोर्ड परीक्षा हेतु पर्याप्त सावधानी के साथ विशेष कक्षाओं का संचालन इससे मुक्त रहेगा।
के के पाठक ने अपने पत्र में कहा था कि सभी प्रमंडल के आयुक्त जिला अधिकारियों को सुझाव दें कि जब वह सर्दी या शीतलहर के चलते कोई आदेश निकलते हैं तो वह पूरे जिले पर समान रूप से लागू होना चाहिए. इस प्रकार का आदेश निकालते समय एकरूपता एवं समरूपता को ध्यान रखें. सभी प्रमंडल के आयुक्त को लिखे पत्र में के.के. पाठक ने कहा है कि जिला दंडाधिकारियों ने धारा -144 का आदेश पारित किया है. उसमें सिर्फ विद्यालयों को ही बंद किया गया है .जबकि अन्य संस्थाओं का जिक्र नहीं किया गया है.. जैसे कोचिंग संस्थान, सिनेमा हॉल, मॉल, दुकानें, व्यावसायिक संस्थान उनकी गतिविधियां या समय अवधि को नियंत्रित नहीं किया गया है. ऐसी स्थिति में जिला प्रशासन से पूछें कि यह कैसी शीतलहर है जो केवल विद्यालयों पर ही गिरती है? कोचिंग संस्थानों में नहीं गिरती है. जबकि इन कोचिंग संस्थानों में हमारे ही विद्यालय के बच्चे पढ़ने जाते हैं.
के के पाठक ने अपने पत्र में कहा था कि कई जिलों के जिलाधिकारी द्वारा जो यह आदेश जारी किया गया है यह गंभीर और वैधानिक मामला है. क्योंकि इसके तहत हम कानून की धारा 144 सीआरपीसी को इन्वोक करते हैं.
उल्लेखनीय है की दिनांक 20 जनवरी 2024 को छुट्टी से लौटते ही के के पाठक ने सभी प्रमंडलीय आयुक्त को पत्र भेज कर सभी जिलाधिकारियों को शीतलहर के आड़ में धारा 144 का प्रयोग को बेवजह नहीं करने की नसीहत देते हुए विद्यालय बंद करने पर सवाल उठाते हुए कानून का पाठ पढ़ाया था। परन्तु एक दिन बाद ही तीन जिलों के जिलाधिकारियों के द्वारा ठण्ड का हवाला देते हुए तीनो जिलों में विद्यालयों को बंद करने के आदेश में विरोधाभास प्रतीत होता हुआ दिख रहा है। बिहार राज्य में अधिकारीयों के इस ताकत आजमाइश से बच्चों का भविष्य पर सवालिया निशान लगता दिख रहा है।