इस मामलें पर अगली सुनवाई 27 सितम्बर,2022 को फिर की जाएगी.
आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 22 सितम्बर 2022 : पटना : हाईकोर्ट की एक शपथ पत्र दायर कर यह जानकारी दी गई कि नेपाली नगर में 3255 लोगों ने अपना मकान बनाया है . न्यायाधीश संदीप कुमार के द्वारा दिये गए निर्देश के बाद यह जानकारी याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट को गुरुवार को दी गई . न्यायाधीश संदीप कुमार की एकलपीठ नेपाली नगर में आवास बोर्ड और राज्य सरकार द्वारा वहां मकान बना के रह रहे लोगों को अतिक्रमणकारी बताकर उनका मकान तोड़ दिए जाने के मामले की सुनवाई कर रही है . कोर्ट ने राज्य सरकार और आवास बोर्ड से 27 सितंबर तक यह बताने को कहा है कि नेपाली नगर में आवास बोर्ड की जमीन पर मकान बनाये जाने से रोकने के लिये आवास बोर्ड ने कई स्तर के पदाधिकारियों और राज्य सरकार ने राजीव नगर थाना बनाया .वावजूद उसके अगर वहां मकान बना तो इसके लिये जितने दोषी मकान बनाने वाले हैं उससे ज्यादा दोषी वहां पदस्थापित आवास विभाग और राजीव नगर के एसएचओ है . उनके खिलाफ क्या करवाई की गई है इसकी जानकारी दी जाय .कोर्ट ने सरकार को कहा कि उसे यह भी पता लगाना चाहिए कि वहां पदस्थापित इन पदाधिकारियों ने कितनी सम्पति उस अवधि में कमाई है .क्योंकि सभी को यह मालूम है कि वहां मकान बनाने के लिये पैसे इन पदाधिकारियों द्वारा लिये जाते है . ऐसी स्थिति में सरकार को इन सभी पदाधिकारियों के सैलरी एकाउंट की जानकारी संबंधित बैंक से लेनी चाहिए कि उस अवधि में इन लोगों ने अपने वेतन के पैसे को बैंक से निकाला है या नही . इसके साथ ही कोर्ट ने आवास बोर्ड और राज्य सरकार को कहा कि नेपाली नगर से संबंधित जितने भी मामले इस कोर्ट में सूचीबद्ध हैं उन सभी मामलों में 27 सितंबर तक अपना अपना जबाब दे दें . कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि हर हाल में 27 सितंबर तक सुनवाई पूरी कर ली जाएगी .
मालूम हो कि कोर्ट ने बिहार राज्य आवास बोर्ड को यह बताने को कहा था कि अब तक पटना में उसने कितनी कॉलोनियों का निर्माण और विकास किया हैं. कोर्ट द्वारा नियुक्त एमिकस क्यूरी अधिवक्ता संतोष कुमार ने कोर्ट को बताया कि राजीवनगर/नेपालीनगर क्षेत्र में जो भी करवाई की गई वह कार्रवाई सही नहीं थी. हटाने के पूर्व संचार माध्यमों में उन्हें नोटिस दे कर जानकारी देना चाहिए था. उन्होंने कहा कि नागरिकों को मनमाने ढंग से नहीं हटाया जा सकता है. जिनके साथ यह गैरकानूनी करवाई की गई उन्हें उचित मुआवजा दिया जाए या उनके लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जानी चाहिए. इस मामलें पर अगली सुनवाई 27 सितम्बर,2022 को फिर की जाएगी.