कर्पूरी जनता दल अपने दमखम पर विधानसभा की सभी 243 सीटों के लिए लडेगा चुनाव

आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 18 अगस्त 2023 : पटना। बिहार में अति पिछड़ी जाति को संगठित कर 2025 के विधानसभा में सता पाने की उम्मीद के साथ नवगठित कर्पूरी जनता दल के तत्वावधान में गुरुवार को एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया।पूर्व विधान पार्षद व पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो. रामबदन राय ने न सिर्फ नवनिर्मित दल कर्पूरी जनता दल की आधिकारिक घोषणा की। इसके साथ अपनी कार्ययोजना का भी खुलासा किया।उन्होंने कि लालू प्रसाद और नीतीश कुमार अति पिछडों की ताकत पर ही राज किया है। परंतु अतिपिछड़ा को समाज को हाशिए पर ला दिया है। अब अति पिछड़ा समाज भी जागृत ही चुका है। अति पिछड़ा समाज की 114 जातियों की 46% आबादी दलित और अल्पसंख्यकों के साथ लेकर भाजपा को सीधा मुकाबला देगी और सत्ता पाने में सफल होगी। अति पिछड़ा समाज से सीएम और दलित एवं अल्पसंख्यक वर्ग का डिप्टी सीएम बनेगा।महिलाओं को भी पार्टी में समुचित प्रतिनिधित्व मिलेगा। उन्होने कहा कि पार्टी संगठन में यादव-कुर्मी समाज नेतृत्व नहीं होगा। सवर्ण समाज से पूरा सामंजस्य रखा जायेगा। कर्पूरी जनता दल अपने दमखम पर विधानसभा की सभी 243 सीटों के लिए चुनाव लडेगा।

उन्होंने कहा कि 2015 में महागठबंधन सरकार ने संपन्न एवं मजबूत समाज तेली, दांगी एवं अन्य को अति पिछड़ा वर्ग में शामिल कर दिया। जिसके दुष्परिणाम स्वरूप वास्तविक अति पिछड़ी जातियों की हकमारी हो रही है। पंचायती राज, नगर निकाय के साथ राज्य सरकार की सभी सरकारी नौकरी में बाद में शामिल जातियों का ही अघोषित कब्जा हो गया है। यह सरकार के समावेशी विकास के दावे की पोल खोल रही है।

रामबदन राय ने कहा कि बिहार में अति पिछड़ा वर्ग में 114 जातियां है, जिसकी आबादी लगभग 46 प्रतिशत है फिर भी यह समाज उपेक्षा का शिकार है। उन्होंने कहा कि एक साजिश के तहत सत्ता में बैठे सामाजिक न्याय के क्षत्रपों के द्वारा कर्पूरी के अति पिछड़ा के साथ नाइंसाफी की गई है। अतिपिछड़ों को रातनीतिक रूप से कमजोर करने लिए और उनके भागीदारी को खत्म करने के लिए 18 प्रतिशत पर भी हकमारी किया गया । अतिपिछड़ों के पलायन को रोकने में भी नीतीश सरकार ने कुछ नहीं किया जिसके परिणाम स्वरूप आज अतिपिछड़ों की बड़ी संख्या पंजाब, हरियाणा और दिल्ली जैसे राज्यों में नौकरी के लिए भटकने को मजबूर है। श्री राय ने सभी उपेक्षित अति पिछड़ा वर्ग के नौजवानों से बिहार सरकार के द्वारा की जा रही नाइंसाफी के खिलाफ गोलबंद होकर लुटते जा रहें अधिकार को हिफाज़त करने की अपील की। उन्होंने कहा कि अतिपिछड़ा समाज को एकजुट होना समय की मांग है ताकि अतिपिछड़ा समाज की राजनीति के क्षेत्र में भागीदारी मजबूत हो सके। इस संगठन का उद्देश्य अतिपिछड़ों के आवाज को बुलंद करके उन्हें समाज के मुख्य धारा से जोड़ना है।

रामबदन राय ने कहा कि अति पिछड़ी जातियों में कद्दावर नेताओं की ग़ैर-मौजूदगी के कारण इन जातियों का वोट विभिन्न पार्टियों के बीच बंट जाता है। इसीलिए अब हमें संगठित होकर अपने समाज से हीं किसी नेता को आगे बढ़ाना होगा। उन्होंने समावेशी विकास के लिए बिहार सरकार से पूर्व में लिए गए फैसले को वापस लेने का अनुरोध किया। मौके पर कर्पूरी जनता दल के अन्य सदस्यों ने भी अपने – अपने विचार व्यक्त किए।
