आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 22 January 2025 : रांची। झारखंड सरकार ने चर्चित आईएएस पूजा सिंघल का निलंबन खत्म कर दिया है। कार्मिक, प्रशासनिक सुधार एवं राजभाषा विभाग ने मंगलवार को इस संबंध में आदेश जारी किया। उन्हें कार्मिक विभाग में योगदान करने का निर्देश दिया गया है। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनी कमेटी ने हाल में उन्हें निलंबनमुक्त करने की अनुशंसा की थी। झारखंड के खूंटी जिले में मनरेगा घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में करीब 28 महीने तक जेल में बंद रहने के बाद पूजा सिंघल को सितंबर 2024 में पीएमएलए कोर्ट से जमानत मिली थी। उन्हें भारत नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) के एक प्रावधान के तहत राहत मिली थी, जिसमें प्रावधान है कि अगर कोई आरोपी लंबे समय से जेल में बंद है और उसने उस मामले में दी जाने वाली कुल सजा की एक-तिहाई अवधि जेल में बिता ली है, तो उसे जमानत दी जा सकती है। कोर्ट ने दो-दो लाख रुपये के निजी मुचलके और पासपोर्ट जमा करने की शर्त पर जमानत दी थी।

सिंघल को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 11 मई 2022 को गिरफ्तार किया था। इसके पहले एजेंसी ने उनके आवास सहित विभिन्न ठिकानों पर छापेमारी की थी। उनके पति अभिषेक झा के सीए सुमन कुमार के आवास से करीब 20 करोड़ रुपये नकद बरामद किए गए थे। जेल भेजे जाने के बाद झारखंड सरकार ने उन्हें निलंबित कर दिया था। निलंबन से पहले पूजा सिंघल उद्योग सचिव और खान सचिव का प्रभार संभाल रही थीं। वह झारखंड राज्य खनिज विकास निगम की चेयरमैन भी रह चुकी हैं। पूर्व की भाजपा सरकार में उन्होंने कृषि सचिव के रूप में भी काम किया था। मनरेगा घोटाले के समय वह खूंटी में उपायुक्त के पद पर तैनात थीं।

पूजा सिंघल मूल रूप से देहरादून की रहने वाली हैं। स्कूल से लेकर कॉलेज तक वह टॉपर रहीं। उन्होंने गढ़वाल विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री लेने के बाद 1999 में पहले ही प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल की और महज 21 वर्ष की उम्र आईएएस बन गई थीं।

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