आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 29 जनवरी 2022 : सासाराम : आय से अधिक संपत्ति रखने के मामले में आरोपित रोहतास के भू-अर्जन पदाधिकारी राजेश कुमार गुप्ता को राज्य सरकार ने निलंबित कर दिया है। सामान्य प्रशासन विभाग ने शनिवार को उनके निलंबन का संकल्प जारी कर दिया। जल्द ही उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही भी शुरू की जाएगी। निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने राजेश कुमार गुप्ता के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति रखने का मामला 25 नवम्बर 2021 को दर्ज किया था। इसके बाद उनके ठिकानों पर छापेमारी की गई थी, जिसमें करोड़ों की चल-अलच संपत्ति का खुलासा हुआ। इसी मामले में राज्य सरकार ने राजेश कुमार गुप्ता को अगले आदेश तक के लिए निलंबित कर दिया है। निलंबन अवधि में इनका मुख्यालय पटना के प्रमंडलीय आयुक्त का कार्यालय होगा। संकल्प के मुताबिक राजेश कुमार गुप्ता के विरुद्ध लगे आरोप की विस्तृत जांच के लिए विभागीय कार्यवाही भी चलेगी। इसका आदेश अलग से जारी किया जाएगा।

मिलने वाली थी पदोन्नति

राजेश कुमार गुप्ता 39वीं बीपीएससी के अधिकारी है। लगभग 26 वर्ष के कार्यकाल के कारण वे सीनियर डिप्टी कलेक्टर है। रोहतास में भू-अर्जन पदाधिकारी के रूप में उनका तीन वर्ष का कार्यकाल पूरा होने वाला था। ऐसे में उनकी पदोन्नति एडीएम जैसे वरिष्ठ पद पर होने की उम्मीद थी। परंतु निलंबन के बाद उनके आगे के कैरियर पर प्रश्नचिन्ह लग गया है।

क्या है मामला ?

आय से अधिक संपत्ति के मामले में उनके सासाराम आवास पर 12 घंटे से अधिक देर तक छापेमारी चली थी। छापेमारी के बाद शनिवार देर शाम निगरानी की टीम वापस लौट गई। छापेमारी में करोड़ों की चल-अचल संपत्ति का खुलासा हुआ है। इन पर भाई के नाम पर अकूत संपति जमा करने के आरोप हैं। जानकारी के अनुसार आरोपी अधिकारी के पास से अब तो 20 लाख नकद, दो लाकर के अलावा सोने के बिस्कुट भी मिले हैं। बताया जाता है कि सासाराम में नगर थाना क्षेत्र के डीएम कालोनी स्थित सरकारी आवास पर छापेमारी की गयी थी। नगर आयुक्त सह जिला भू अर्जन पदाधिकारी राजेश कुमार गुप्ता को विजिलेंस की टीम रोहतास समाहरणालय स्थित उनके कार्यालय लेकर भी गयी थी। 

सूत्रों के माध्यम से बताया जाता है कि 6 फ्लैट के कागजात मिले थे । भाई के नाम पर पूर्णिया में चार बीघा जमीन के कागजात मिले हैं। पांच सोने के बिस्‍कुट और सोने के जेवरात मिले हैं। पटना के आनंदपुरी और नागेश्‍वर कालोनी स्थित आवास पर विजिलेंस की टीम जांच-पड़ताल में लगी हुई थी। रांची में भी अपार्टमेंट के कागजात मिले हैं।  बता दें कि भ्रष्‍ट अफसरों के खिलाफ निगरानी लगातार कार्रवाई कर रही है। कुछ दिनों पहले बिहार सरकार के मंत्री जनक राम के ओएसडी के ठिकानों पर छापेमारी कर काली कमाई का पर्दाफाश किया था। अब बिहार प्रशासनिक सेवा के अफसर राजेश गुप्‍ता निगरानी जांच में फंसे हैं। बताया जाता है कि कई अन्‍य अफसर भी निगरानी की रडार पर हैं।  

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