रोहतास दर्शन न्यूज़ नेटवर्क : 13 अक्टूबर 2021 : नोखा। चावल मंडी स्टेशन रोड़ में इस बार तिरुपति बालाजी मंदिर के रूप में विराजमान होंगी भगवती दुर्गा मंगलवार को पट खुलते ही दर्शकों की भीड़ उमड़ने लगी हैं। वर्ष 1972 से चावल मंडी क्षेत्र में दुर्गा पूजा करने की शुरुआती परम्परा से लेकर आज तक यह परम्परा चली आ रही हैं। यहाँ का दुर्गा पूजाकई मायने में ऐतिहासिक रही हैं। शाहाबाद क्षेत्र के आरा बक्सर, डुमरांव, भभुआ, सासाराम,डिहरी सहित कई बड़े शहरों से लोग सांस्कृतिक कार्यक्रम देखने के लिए लोग छोटी लाईन से देर रात तक पहुँचते थे। अपने जमाने के मशहूर कलाकार चाई ओझा,नाग देव,राष्ट्रपति पदक से पुरस्कृत गुलाब बाई, विमला थियेटर के नामी गिरामी कलाकारों का कला देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ती थी। अस्सी वर्षीय चावल व्यवसायी रामाश्रय चौधरी का कहना है कि उस जमाने में लोग कला का कद्र करते थे। समाज में कही अश्लीलता नहीं थी। आज के युवा पीढ़ी राह भटक गए हैं वही75 वर्षिय चावल व्यवसायी केदार प्रसाद कहते हैं कि 1972 के दर्शक में लोग एक दूसरे के भावनाओं का कद्र करते थे। माँ दुर्गा की पूजा भक्ति भाव से मनाया जाता था। जो समय बदलने के साथ पश्चिमी सभ्यता के प्रभाव में आते गया। जिससे समाज पर इसका पूरा प्रभाव पड़ा। स्टेशन रोड़ चावल मंडी दुर्गा पूजा समिति रात दिन पूजा को बेहतर तरीके से सम्पन्न कराने में जी जान से लगा है। जिसमें न्यू फ्रेंड्स क्लब के युवा साथियों का बड़ा योगदान रहता है।

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