बिक्रमगंज । कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान और दान करना दस यज्ञों के समान पुण्यकारी माना जाता है । शास्त्रों में इसे महापुनीत पर्व कहा गया है । कार्तिक पूर्णिमा भरणी और रोहिणी नक्षत्र में होने से इसका महत्व और बढ़ जाता है । कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही देव दीपावली भी मनाई जाती है ।कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष में आने वाली पूर्णिमा कार्तिक पूर्णिमा कहलाती है । इस दिन गंगा स्नान , दीपदान, यज्ञ और ईश्वर की उपासना की जाती है । इस दिन किए जाने वाले दान-पुण्य समेत कई धार्मिक कार्य विशेष फलदायी होते हैं । मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा की संध्या पर भगवान विष्णु का मत्स्यावतार हुआ था । एक अन्य मान्यता के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा के दिन महादेव ने त्रिपुरासुर नाम के राक्षस का भी वध किया था । इसलिए इसे त्रिपुरी पूर्णिमा भी कहते हैं । इस बार कार्तिक पूर्णिमा 30 नवंबर को सोमवार के दिन मनायी जायेगी ।

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